वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मुकाबले में एमएस धोनी ने युवराज सिंह के साथ मिलकर नाबाद 54 रन बनाए थे। जब माही ने वीनिंग सिक्सर जड़ा था, तो नॉन स्ट्राइक पर युवी ही थे। युवी ने भावुकता के साथ माही को गले लगाया था। वो लम्हा आज भी करोड़ों भारतीय क्रिकेट फैंस के मन में रचा बसा है। माही-युवी की जोड़ी की वजह से टीम इंडिया कई मैच जीत सकी। हालांकि, मैदान के बाहर कुछ ही खास मौकों पर दोनों को एक साथ देखा गया।
हम कभी क्लोड फ्रेंड नहीं रहे: युवराज सिंह
एक तरफ जहां युवराज सिंह काफी मौज-मस्ती के साथ जिंदगी जीने वाले शख्स हैं, वहीं धोनी हमेशा सादगी के साथ जीवन जीना पसंद करते हैं। चाहे 2007 का टी20 वर्ल्ड कप हो या 2011 का वनडे वर्ल्ड कप टूर्नामेंट, दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर कई मैचों में टीम इंडिया की नैया पार लगाई।
हालांकि, दोनों क्रिकेटर कभी भी एक अच्छे दोस्त (क्लोज फ्रेंड) नहीं रहे। दरअसल, हाल ही में युवराज सिंह ने खुलासा किया कि वो और धोनी मैदान के बाहर कभी एक अच्छे दोस्त नहीं थे। दोनों की दोस्ती ज्यादातर क्रिकेट तक ही सीमित थी।
माही की जीवनशैली मुझसे बहुत अलग थी: युवराज सिंह
युवी ने कहा,"मैं और माही करीबी दोस्त नहीं हैं। हम क्रिकेट की वजह से दोस्त थे, हम साथ खेलते थे। माही की जीवनशैली मुझसे बहुत अलग थी, इसलिए हम कभी करीबी दोस्त नहीं थे। कई मैचों में जब वो कप्तान थे तो मैं उन मैचों में उप-कप्तान था। कप्तान और उपकप्तान, दोनों के बीच निर्णय लेने में मतभेद जरूर होंगे।"
युवी ने आगे कहा,"कभी-कभी उसने ऐसे निर्णय लिए जो मुझे पसंद नहीं थे, कभी-कभी मैंने ऐसे निर्णय लिए जो उसे पसंद नहीं थे। ऐसा हर टीम में होता है।"
जब युवी ने माही से मांगी सलाह
युवराज सिंह ने आगे कहा,"जब मैं अपने करियर के अंत में था, जब मुझे अपने करियर के बारे में सही तस्वीर नहीं मिल रही थी, मैंने उनसे सलाह मांगी। वह वही व्यक्ति थे जिन्होंने मुझे बताया था कि चयन समिति अभी आपके बारे में नहीं सोच रही है। मुझे लगा, कम से कम मुझे असली तस्वीर तो पता चल गई। यह 2019 विश्व कप से ठीक पहले की बात है। यह बात सच है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि कई बार क्रिकेट में ऐसे मौके भी आए जब हम दोनों ने एक दूसरे की काफी मदद की। मुझे याद है कि जब मैं विश्व कप मैच में बल्लेबाजी कर रहा था, तो मैं नीदरलैंड के खिलाफ 48 रन पर था। 2 रन बनाने थे और माही ने दोनों गेंदों को रोक दिया, जिससे मैं 50 रन बना सका।"
विश्व कप के फाइनल मुकाबले को याद करते हुए युवी ने कहा,"विश्व कप फाइनल में यह तय हुआ था कि अगर गौती (गौतम गंभीर) आउट होंगे तो मैं जाऊंगा, अगर विराट आउट होंगे तो धोनी जाएंगे। यह बात दोस्ती से ज्यादा महत्वपूर्ण है।"
