हिमाचल प्रदेश शिमला। आप को बता दे की संयुक्त किसान मंच सरकार द्वारा अगले वर्ष 2024 से सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन को लागू करने के निर्णय का स्वागत करता है। यह निर्णय सरकार द्वारा किसानो बागवानों के लम्बे संघर्ष के बाद लिया गया है। संयुक्त किसान मंच पिछले कई वर्षों से प्रदेश में APMC Act 2005, H.P. Legal Metrology Act 2009 व H.P. Passengers and Goods Taxation Act 1955 को लागू करने की मांग को लेकर संघर्ष करता आ रहा है। इन कानूनों मे प्रदेश की फल व सब्ज़ी मंडियों में सेब व अन्य उत्पाद वजन के हिसाब से बेचने तथा पैकाजिंग के लिए स्टैंडर्ड पैकाजिंग सामग्री तय करने का प्रावधान किया गया है। लम्बे समय से किसान बागवान इन कानूनों को लागू करने की मांग कर रहे थे तथा संघर्षरत थे।
इस वर्ष प्रदेश के बागवानी मंत्री के द्वारा इन लंबित मांगो को लागू करने के लिए संजीदगी से प्रयास किए गए और सरकार व बागवानों के विभिन्न संगठनों के बीच बागवानी मंत्री की अध्यक्षता में कई दौरों की बैठकों के बाद यह निर्णय लिया गया कि प्रदेश की मंडियों मे इस वर्ष से सेब यूनिवर्सल ग्रेडिंग में 24 किलो के कार्टन मे वजन के हिसाब से बेचा जाएगा। इसके लिए प्रदेश के बागवानी मंत्री श्री जगत सिंह नेगी के सराहनीय प्रयास रहे हैं। इस वर्ष सरकार द्वारा ये निर्णय तो लिया गया कि सेब वजन के हिसाब से बिकेगा और यूनिवर्सल ग्रेडिंग में 24 किलो की पैकाजिंग में बिकेगा। इस वर्ष युनिवर्सल कार्टन को लाने में देरी के चलते सरकार ने सेब पहले की तरह ही टेलिस्कोपिक कार्टन मे भरने की छूट दी थी।
यदि इस वर्ष मंडियों का विश्लेषण किया जाए तो सेब की कम फसल के बावजूद प्रदेश की अधिकांश मंडियों मे आढ़ती व खरीददार की मनमानी व दबाव के कारण न तो सेब वजन के हिसाब से बेचा गया न ही 24 किलो के कार्टन मे यूनिवर्सल कार्टन मे बेचा गया। एपीएमसी व मार्केटिंग बोर्ड जिनकी कानून को लागू करने की जिम्मेवारी है उनकी लचर कार्यप्रणाली के चलते इसको लागू करने के लिए कोई प्रयास ही नही किए गए जिससे आढ़ती व खरीददार के दबाव के आगे बागवानों को मजबूर होना पड़ा है। आज मंडियों के अतिरिक्त बागवानों के पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जहां वो अपना सेब बेच सके। सरकार ने HPMC को तो मंडियो में सेब कारोबार के लिए उतारने का निर्णय तो लिया परंतु वो भी ज्यादा दिन तक मंडियों की ताकतों का मुकाबला नहीं कर पाई और करोबार नहीं कर पाई। सयुक्त किसान मंच सरकार से मांग करता है कि किसानों व बागवानों को मंडियों की ताकतों द्वारा किए जा रहे शोषण से मुक्त करने के लिए APMC Act, 2005, H.P. Legal Metrology Act, 2009 व H.P. Passengers and Goods Taxation Act, 1955 के सभी प्रावधानों को सख्ती से लागू करें। APMC व Marketing Board की कार्यप्रणाली के सुधार हेतू तुरन्त कदम उठाए। प्रदीप कुमार डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज शिमला फास्ट न्यूज इंडिया 151109037
