खीरी प्रयागराज
आज समूचे भारतवर्ष में ही नहीं विश्व के तमाम हिस्सों में रहने वाले हिंदू धर्म में अपनी आस्था रखने वाली अधिकतर विवाहित महिलाओं द्वारा निर्जला व्रत अपने पति की लंबी उम्र एवं उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखा गया। जिसकी तैयारी पूर्व में ही महिलाओं द्वारा बहुत ही तेजी से की जा रही थी। जिसके कारण पिछले एक हफ्ते से बाजारों में रौनक बनी रही। कपड़े की दुकान, कॉस्मेटिक की दुकान, ब्यूटी पार्लर, सोना चांदी की दुकान, एवं मिठाई की दुकानों में जिसका सीधा असर दिखाई दिया। सुबह से ही महिलाओं द्वारा भगवान शंकर एवं माता पार्वती की पूजा हेतु भारी भीड़ लगी रही। कैलाश नगर के प्राचीन शिव मंदिर पर महिलाओं की सुविधा हेतु दर्शन की उचित व्यवस्था प्रधान पुजारी ननकू महाराज द्वारा की गई थी। हरितालिका तीज के बारे में विस्तार से बदलते हुए भागवत प्रवक्ता सुमित कृष्ण जी महाराज द्वारा बतलाया गया कि हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत रखा जाता है। आज के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। हरितालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा मुख्य रूप से की जाती है और आज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रहती हैं अर्थात बिना कुछ खाए पिए जल तक को नहीं ग्रहण करती। धार्मिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती द्वारा इस व्रत को रखा था। जिसके कारण उन्हें भगवान शंकर पति रूप में प्राप्त हुए थे। सभी माताओं और बहनों को पूजा सामग्री ने 16 सिंगार की सामग्री अत्यंत रुप से चढ़ानी चाहिए तथा अपनी से बड़ों का आशीर्वाद जरूर प्राप्त करना चाहिए।
