ताल जहदा में कई दशक से सीलिंग की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा जमाए 644 लोगों पर चिलुआताल पुलिस ने केस दर्ज किया है। चकबंदी अधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने सभी को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का आरोपी बनाया है। डीएम के आदेश पर केस दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।मामला डीएम कोर्ट में चल रहा था। इस पर 16 अप्रैल 2021 को ही डीएम कोर्ट ने केस खारिज करते हुए इसे सरकारी जमीन घोषित कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी लोगों का कब्जा बना हुआ है। वर्तमान में जमीन पर किसान खेती करते हैं।
जानकारी के मुताबिक, ताल जहदा की जमीन सरहरी स्टेट परमेश्वरी राय की थी। बाद में यह जमीन सीलिंग में आ गई। वर्ष 1970 से 1980 के बीच रामपुर गोपालपुर गांव के तुलसी निगम प्रधान थे। तब उन्होंने जमीन को गांव के लोगों को पट्टा कर दिया। तभी से लोग जमीन पर काबिज हो गए। 1984 में मामला डीएम कोर्ट में चला गयारामपुर गोपालपुर गांव के रामभवन, राकेश, कनीक लाल, मैना देवी, देवेंद्र, योगेंद्र, कैलाशी देवी पत्नी रामसेवक, ओमप्रकाश, धनपत, दयालाल, दिलीप कुमार, रणजीत कुमार, प्रिती देवी पत्नी सुरजलाल, कुमार, कृष्ण प्रसाद मिश्र, नजाम, उनकी वबू, गिरीश, गोपी, गनपती, रामाशंकर, रामसमुझ, गंगा को नामजद आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा 622 लोग अन्य नामजद आरोपी हैं।
जमीन पुश्तैनी है
वर्षों से जमीन पर खेती की जा रही है, जब से जन्म हुआ है, तब से यही पता है कि जमीन हमारी है। जमीन की चकबंदी भी चल रही है। उस दौरान फार्म पांच दिया गया था, अब अचानक जमीन को सरकारी बताना गलत है। -विजय कुमार, ग्रामीण
