रेलवे स्टेशन परिसर में कार्य निरीक्षक के दफ्तर में हुआ विश्वकर्मा पूजा का आयोजन
आईओडबलू के आमंत्रण पर दिल्ली से आई नेत्रहीन मानस मंडली ने किया अखंड पाठ
यूपी प्रतापगढ़। रोशनी वाली आंखें पढ़े तो कोई ताज्जुब नहीं। लेकिन जिन आंखों ने उजाला देखा ही न हो। जन्मजात नेत्रहीन दिव्यांग हो अगर वो फर्राटे से पढ़े वो भी चौपाई और दोहा तो अचरज वाली बात है। रेलवे परिसर में कार्य निरीक्षक (आईओडब्लू) के दफ्तर पर विश्वकर्मा पूजा पर दिल्ली से आए दिव्यांगो को फर्राटे से रामचरित मानस का अखंड पाठ करते देख आम जनमानस भाव विभोर हो गया। कार्य निरीक्षक के दफ्तर में शनिवार को राम चरित मानस का अखंड पाठ रखा गया। रविवार को विश्वकर्मा पूजा पर पाठ का समापन हुआ। इसके लिए दिल्ली से नेत्रहीन मानस मंडली को आई ओडब्लू ने विशेष रूप से आमंत्रित किया था। साजो सामान के साथ श्रीराम के गुणों का पाठ करने बैठी मंडली के मुख से रामचरित मानस की चौपाई, दोहा सुनकर लोगों को आनंद आया। उनकी लय पर श्रोता झूमते नजर आए। लोगों का कहना है कि जिले में दिव्यांगों की भजन मंडली का यह पहला प्रोग्राम है। कार्य निरीक्षक एसके पाल ने बताया कि उनके दफ़्तर में काम करने वाले दिव्यांग स्टाफ राहुल गौड़ और राजेश भगत ने ही इस मंडली के बारे में बताया था। हुनर ने बना दी जोड़ी, छः सदस्यीय भजन मंडली टीम में फतेहपुर यूपी के साधो सिंह लीडर हैं। इनके साथ गोपाल सिंह नेगी उत्तराखंड, मनोज मौजी, पंकज सिंह राजस्थान, विकास सक्सेना, संतोष, बुराडी दिल्ली के रहने वाले हैं। लेकिन ये सभी इस समय दिल्ली में रहते हैं। हारमोनियम, ढोलक और मजीरा बजाने के हुनर ने इन्हे मिलाया है। साधो कहते हैं कि वे मोबाइल फोन से संपर्क में रहते हैं। भजन, कीर्तन और पाठ उनकी आय के साधन है। ब्रेललिपि से की है पढ़ाई, इन सभी नेत्रहीनों ने ब्रेललिपि पद्धति से शिक्षा ग्रहण की है। अधिकांश लोगों ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से डिग्री ली है। पंकज सिंह ने बताया कि रामचरित मानस पाठ में भी उन्होंने इसी विधा से पढ़ी है। वे इसकी किताब लेकर आए थे। विशाल रावत डिस्ट्रिक ब्यूरो चीफ प्रतापगढ 151019049
बाइट पंकज सिंह दिव्यांग

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