मध्य प्रदेश, उज्जैन। मुखिया लाडली बहनों एवं चुनावी रैलियो में व्यस्त हैं, और समय पर पानी ना गिरने से सभी किसान त्रस्त हैं, अगर कुछ समय और पानी नहीं गिरा तो प्रदेश की सारी फसले नष्ट हो जाएगी और किसानों के पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा ऐसे समय में प्रदेश के नेता किसानो की बात करना तो दूर उनके बारे में सोचने को भी तैयार नहीं है। मध्य प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिले में सोयाबीन की फसल पर प्राकृतिक संकट छा गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य में इस साल 53 लाख हैक्टेयर भूमि पर सोयाबीन की फसल की बुआई की गई है। समय पर पानी ना गिरने से फासले नष्ट होने लगी है, और किसानों की चिंताएं भी बढ़ने लगी है। किसानो की समस्याओं को आप सभी तक पहुंचाने के लिए हमारी टीम उज्जैन के गांव कनीपुरा में पहुंची तो किसान भाइयों का सरकार पर आक्रोश फूटा, जब हमारी टीम किसानों से मिलने पहुंची तो वहां पर मुख्य रूप से, किसान नेता अशोक जी जाट, प्रदीप जी चौधरी मगरोला, महेंद्र जी छाडिया सरपंच अंबोडिया, डालर जी जाट, जितेंद्र जी पटेल के अलावा कई किसान भाई उपस्थित थे। देखे मध्य प्रदेश से स्टेट इंचार्ज कमल चौहान कि खास रिपोर्ट

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