फिरोजपुर में सतलुज दरिया के साथ लगते करीब 40 से 50 गांव आज भी बाढ़ की चपेट में हैं और पिछले 2 दिन से सतलुज दरिया में पानी का बहाव तेज होने के कारण कोई भी राहत सामग्री नहीं भेजी जा सकी और न ही इन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका है।
प्रशासन की ओर से हरसंभव प्रयास करने के बावजूद भी इन गांवों तक मोटर बोट्स नहीं जा सकीं। इस कारण लोगों को राहत सामग्री नहीं पहुंच सकी। इन दोनों में ज्यादातर छोटे किसान और मजदूर लोग हैं जिनके पास उसी दिन का राशन था जो खाकर इन्होंने 3 दिन तक गुजारा किया और राशन खत्म होने के बाद लोग बार-बार राशन, पीने वाले पानी तथा पशुओं के लिए चारे की मांग कर रहे हैं। नैशनल अवॉर्डी प्रिंसीपल डॉक्टर सतिंद्र ने बताया कि आज एन.डी.आर.एफ. की टीमें सुबह इनमें से कुछ गांवों की ओर रवाना हुईं और बहुत मुश्किल से इन गांवों के कुछ लोग निकलकर सुरक्षित स्थानों पर आना चाहते हैं। इन गांवों में कई लोग घरों की छतों पर या बनाए हुए ऊंचे स्थानों पर टिके हुए हैं और उनका कहना है कि वे पशु छोड़कर बाहर नहीं जा सकते।
