मुंबई। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का साल 1988 में इंटरव्यू लेने वाली महिला पत्रकार शीला भट्ट ने बताया है कि दाऊद के रास्ते छोटा शकील से कैसे अलग हो गए थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने कई खुलासे किए हैं। शीला भट्ट ने बताया कि जब उन्होंने करीब सालों पहले दाऊद का इंटरव्यू लिया था, तब छोटा शकील भी वही मौजूद था। शीला भट्ट डॉन से कई बार मिल चुकी हैं। डॉन दाऊद इब्राहिम से उनकी पहली मुलाकात तब हुई थी जब वह एक छोटा अपराधी था। शीला भट्ट उस इंटरव्यू को याद कर बताती हैं, 'छोटा राजन दाऊद के साथ एक छोटी सी डाइनिंग टेबल पर था। मैं दाऊद से बात कर रही थी। छोटा राजन भी बीच में बोलता था, लेकिन बहुत कम। वह दाऊद से डरता था क्योंकि दाऊद उसका बॉस था।'
शीला भट्ट ने बताया कि दाऊद ने उन्हें मुंबई में मोहम्मद अली रोड पर एक सरकारी रिमांड होम में करीम लाला के लोगों द्वारा लड़कियों के कथित उत्पीड़न के खिलाफ लिखने में मदद करने के लिए बुलाया था। दाऊद ने तब कहा था, 'आप करीम लाला से मिल लेते हैं। हमारी बच्चियों को कैसे परेशान करते हैं, आप इसके बारे में लिखें।' शीला भट्ट बताती है कि टेलीफोन कॉल के कुछ ही समय बाद पहला इंटरव्यू हुआ। शीला अपने पति के साथ डॉन से मिलने गई थी। उन्होंने कहा, 'पहले हमें जेल रोड (मुंबई) के पास टैंकर स्ट्रीट पर बुलाया।
फिर हमें काली खिड़कियों वाली एक कार में बिठाया और पाकमोडिया स्ट्रीट पर ले गए।' शीला ने बताया कि फिर मैं, मेरे पति दाऊद और छोटा शकील से मिले। इंटरव्यू में दाऊद ने कहा था, 'दाऊद केवल यही कहना चाहता था कि करीम लाला एक बुरा आदमी है। दाऊद ने कहा था कि वह करीम लाला का कारोबार संभालने नावे आलमजेब को नहीं छोड़ेगा और मैंने इसके बारे में लिखा। यह सच हो गया क्योंकि आर्टिकल पब्लिश होने के कुछ समय बाद आलमजेब की मौत हो गई।'
