यूपी,बुलंदशहर। जिला प्रदर्शनी में मेले के दौरान बिछुड़ने वाले 35 बच्चों को पुलिस ने परिजनों से मिलवाया है। 141 वर्ष पुरानी प्रदर्शनी में इस बार सबसे ज्यादा बच्चे परिजनों से बिछड़े हैं। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन बच्चों को एक से दो घंटे में खोजकर परिजनों को सौंपा है। वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जो रोते हुए मेले में घूम रहे हैं, उन्हें सीसीटीवी में देखकर परिजनों तक पहुंचाया जा रहा है। अभी चार दिन की जिला प्रदर्शनी बाकी है।
जिला कृषि, औद्योगिक एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी का 10 मार्च को राज्य मंत्री की ओर से विधिवत शुभारंभ किया गया। वहीं, सुरक्षा को लेकर प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी थाना मेला कोतवाली बनाई गई। जहां पर 200 से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में जुटे हैं। साथ ही इस बार 160 सीसीटीवी कैमरे निगरानी के लिए लगाए गए। 14 मार्च से थाना मेला कोतवाली का संचालन शुरू होने के बाद से पुलिस सीसीटीवी से निगरानी के साथ-साथ समय-समय पर गश्त करती रहती है। जिला प्रदर्शनी का शुभारंभ होने के कुछ दिन बाद मैदान में लोगों की भीड़ अधिक होने के कारण एक साल के बच्चे से लेकर 13 साल तक के बच्चे अपनों से बिछड़ गए। बच्चों को सीसीटीवी के माध्यम से अकेला खड़ा देखने या गश्त के दौरान रोते हुए मिलने पर उसे पुलिसकर्मी मेला थाने ले आते और संबंधित बच्चे से परिवार के किसी सदस्य का नाम पूछकर या उसके बारे में लाउडस्पीकर के माध्यम से एनाउंस करवाते। अपने बच्चों को ढूंढ़ रहे परिजन जैसे ही आवाज सुनते तो कोतवाली पहुंच जाते और खोए हुए बच्चे के सकुशल मिलने पर पुलिसकर्मियों की सराहना करते।
बाजार में खोए अधिक बच्चे
मेला कोतवाली प्रभारी प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी मैदान में 160 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिनको समय-समय पर देखा जाता है कि कहीं कोई बच्चा अपनों से तो नहीं बिछड़ गया या कोई उपद्रव तो नहीं मचा रहा। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों को समय-समय पर गश्त करने के निर्देश दिए गए। ऐसे में अब तक मिले बच्चों में सर्वाधिक गुंबद बाजार समेत अन्य बाजारों में मिले। झूला परिसर की ओर कम बच्चे मिले। लोगों से अपील है कि बच्चों को अकेला नहीं छोड़े। यदि भीड़ वाले स्थान पर साथ लेकर जा रहे हैं तो उसकी जेब में कोई पहचान का दस्तावेज जरूर रखें। जिससे जल्द बच्चा मिल जाए। उधर, बच्चों के परिजनों ने पुलिस द्वारा किए गए कार्य की सराहना की। कहा कि पुलिस ने बच्चे को सकुशल रखा। कोई अप्रिय घटना नहीं होने दी।
