वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का संचालन 10 अप्रैल से 35 दिनों के लिए प्रभावित हो सकता है। इसका मसौदा उत्तर रेलवे ने तैयार करके रेलवे बोर्ड को भेज दिया है। जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। जो प्रस्ताव बना है, उसके मुताबिक, कैंट रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहेगा। कई ट्रेनें निरस्त रहेंगी तो कुछ बदले रूट से चलाई जाएंगी। तमाम ट्रेनों को रि-शेड्यूल किया गया है। नई व्यवस्था से यात्रियों को परेशानी होगी। ऐसे में सफर प्लान करने से पहले निरस्त और रि-शेड्यूल ट्रेनों के बारे में जानकारी जरूर कर लें। कैंट रेलवे स्टेशन से रोजाना एक लाख यात्रियों का आवागमन होता है। 102 जोड़ी ट्रेनें चलती हैं।
कैंट रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का काम कराया जा रहा है। प्लेटफार्म नंबर 10और 11 नया बना है। मालगाड़ियों के लिए अलग लाइन भी बनाई गई है। बनारस रेलवे स्टेशन से वाराणसी सिटी के बीच रेलवे ट्रैक डबल हुआ है। इन सबको इंटरलॉकिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा इसी लिहाज से पहले बिफोर नान इंटरलॉकिंग (बीएनआई), फिर नॉन इंटरलॉकिंग (एनआई) का काम कराया जाएगा। इसका मतलब है कि ट्रेनों का संचालन ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम नहीं होगा। सभी ट्रेनों का संचालन मैनुअल किया जाएगा। इससे ट्रेनों के प्लेटफार्म पर देर से आने की संभावना रहेगी।
सूत्रों के मुताबिक बीएनआई और एनआई का काम करीब 35 दिनों में पूरा होगा। इस अवधि में ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहेंगी। इसका खाका तैयार करके मंडल कार्यालय ने लखनऊ भेजा था, फिर उत्तर रेलवे के लखनऊ मुख्यालय से रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया। सब कुछ प्रस्ताव के हिसाब से रहा तो जल्द ही ट्रेनों के मैनुअल संचालन का आदेश जारी कर दिया जाएगा।
