EPaper SignIn

शिमला स्थित मां भीमाकाली मंदिर हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल
  • 151049876 - RATTAN CHAND 0



हिमाचल प्रदेश, जिला शिमला: प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर स्थित सराहन में मां भीमाकाली मंदिर हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल है। 51 शक्तिपीठों में से एक भीमाकाली मंदिर पवित्र स्थल है। इस मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में लोग माता के दर्शनों के लिए आते हैं और अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं। यहां पर माता के रक्षक के रूप में लांकड़ावीर का मंदिर भी है। जबकि रघुनाथ जी, नर्सिंग भगवान व हनुमान मंदिर भी स्थित है। बुधवार को सराहन भीमाकाली मंदिर में नवरात्र के अष्टमी के दिन भारी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु माथा टेकने के लिए पहुंच रहे हैं। भीमाकाली न्यास, सराहन रामपुर के पुजारी पूर्ण शर्मा ने बताया कि प्रशासन की ओर से जारी आदेशों के तहत श्रद्धालुओं के लिए परिसर में हर सुविधा का ध्यान रखा गया है। माता के दर्शनों के लिए गर्भ गृह में थोड़ी-थोड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को भेजा जा रहा है। ताकि मंदिर में अधिक भीड़ एकत्र न हो। भीमाकाली का मंदिर हिंदू और बौद्ध शैली का मिश्रण है। प्राचीन मंदिर केवल आरती या विशेष मौकों पर ही खुलता है। नया मंदिर 1943 में बनाया गया था। मंदिर परिसर में भैरों और नरसिंह जी को समर्पित दो अन्य मंदिर भी हैं। मंदिर में देवी भीमाकली की मूर्ति एक कुंवारी और एक औरत के रूप में चित्रित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू देवता शिव की पत्नी सती, वैवाहिक जीवन के परम सुख और दीर्घायु की देवी का बायां कान इस जगह गिर गया था। सराहन बुशहर राज्य के पूर्व शासकों की राजधानी थी। बुशहर राजवंश पहले जिला किन्नौर के कामरू से राज्य को नियंत्रित करते थे। बाद में राज्य की राजधानी शौणितपुर ( सराहन) में स्थानांतरित कर दी गई। उसके बाद राजा राम सिंह ने रामपुर को अपनी राजधानी बनाया। आज तत्कालीन शौणितपुर को सराहन के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस स्थान पर देवी सती का बायां कान गिरा था। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में पड़ने वाले इसी सराहन के बारे में हमारे पुराणों और अन्य अनेकों धर्मग्रंथों में बताया जाता है कि भगवान शिव यहां ध्यान-साधना किया करते थे। इसलिए इस जगह को पौराणिक ग्रंथों में शोनितपुर नगरी या शायनत नगरी भी कहा जाता है। इस लिहाज से ये मंदिर काफी महत्वपूर्ण बन जाता है। भगवान शिव के प्रबल भक्त बाणासुर पुराण युग के दौरान महान अभिमानी दानव राजा बालि और विष्णु भक्त प्रहलाद के महान पौत्र के सौ पुत्रों में से एक थे, जो इस रियासत के शासक थे।

रत्न चन्द स्टेट ब्यूरो चीफ (हि. प्र.) फ़ास्ट न्यूज इंडिया 151049876

 


Subscriber

173790

No. of Visitors

FastMail

नई दिल्ली - केजरीवाल टिप्पणी मामले में विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राजनयिक को किया तलब     नई दिल्ली - जेल से नहीं चलेगी दिल्ली सरकार, एलजी वीके सक्सेना ने कह दी बड़ी बात