संगीतमय कथा के आठवें दिन बोली साध्वी राधा किशोरी जी
यूपी जौनपुर। खेतासराय नगर के गोलाबाजार स्थित रामलीला मैदान में चल रहे नौ दिवसीय संगीतमय श्री रामकथा के आठवें दिन वृंदावन से पधारी साध्वी राधा किशोरी ने भक्तों को भक्त प्रह्लाद की महिमा का बखान करते हुए उपस्थित श्रोताओं को अमृतपान कराते हुए कहा कि भगवान श्री हरि के परमभक्त प्रहलाद ने दुनिया के विभिन्न संकटों को सहते हुए भगवान की पावन भक्ति को नहीं छोड़ा, जीवन में कैसी भी विषम परिस्थितिया हो, हमें चाहे दुःख मिले या सुख कभी भी परमात्मा को नहीं भूलना चाहिए। जिस प्रकार भक्त प्रह्लाद के पिता महाराज हिरण्यकश्यप भगवान से बड़ा विद्रोह किया था फिर भी प्रह्लाद जैसे पुत्र को पाकर स्वयं का उद्धार कर लिये और अपनी 21 पीढ़ियों को भी तरन - तारन कर दिया।
भगवान की भक्ति से हमें संसार विरक्त होकर भी अनुरक्ति मिलती रहती है। इसीलिए जब तक ये हमारा जीवन है भगवान की भक्ति करते रहना चाहिए। उन्होंने कही कि कथा भक्ति की महिमा का बखान करती है। यह भक्त और भगवान की कथा है, प्रहलाद की कथा के माध्यम से हमें जीवन के सदमार्ग पर चलने की सीख देती है। विश्वास और कठिन संकल्प से बालपन में ही ईश्वर प्राप्त किया। छोटी - सी उम्र में ही उनका दृढ़ संकल्प देखते ही बनता है। हमें भी उनके जैसा ही बनना चाहिए। इसके पूर्व माल्यापर्ण पूजन व आरती की गयी तत्पश्चात कथा का शुभारंभ हुआ जिनका लोगों ने बड़े सद्भाव से अनुशरण किया गया। इस दौरान सुशील उपध्याय, तबले पर रंजू मिश्रा, पैड पर रामरमेश व आचार्य पंकज अवस्थी ने अपनी कला के माध्यम से समूचा वातारण भक्तिमय कर दिया।
