जिला शिमला: हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में मंगलवार को हुई हिंसा मामले में प्रशासन ने जांच बिठा दी है। ऐसे में हिंसा में शामिल छात्रों पर अब गाज गिरना लगभग तय है। प्रशासन की ओर से बनाई गई अनुशासन समिति एक हफ्ते के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट VC को सौंपेंगी। शैक्षणिक माहौल खराब करने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी से सस्पेंड किया जा सकता है। एचपीयू में छात्र संगठन SFI-ABVP कार्यकर्ताओं में खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें 10 से ज्यादा छात्रों को चोटें आई थीं। 4 छात्रों को अस्पताल में एडमिट करना पड़ा था। छात्राओं को भी चोटें लगी थीं। अभी भी विवि कैंपस में तनाव की स्थिति बनी हुई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान कैंपस में तैनात हैं। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी कैंपस में अब बिना आईकार्ड के एंट्री नहीं दी जाएगी। जिन स्टूडेंट के पास यूनिवर्सिटी का आईकार्ड होगा, उन्हें ही कैंपस में आने दिया जाएगा। आउटसाइडरों के आने पर रोक लगा दी गई है। समरहिल चौक पर कुछ एबीवीपी और एसएफआई कार्यकर्ता मौजूद थे। इस दौरान 2 कार्यकर्ता आपस में बहस करने लगे। यह बहस लड़ाई में बदल गई। दोनों कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे पर हमला शुरू कर दिया। देखते ही देखते अन्य कार्यकर्ता भी वहां आ गए, जिससे हिंसा शुरू हो गई। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में एससीए चुनाव काफी समय से बंद हैं। इसके बावजूद भी हिंसा नहीं रूक रही है। 2014 में छात्र संगठनों में होने वाली मारपीट के चलते ही चुनाव पर बैन लगा था। इसके बावजूद भी कैंपस में हिंसात्मक गतिविधियां जारी हैं।
रत्न चन्द स्टेट ब्यूरो चीफ (हि. प्र.) फ़ास्ट न्यूज इंडिया 151049876