प्रयागराज। तीर्थराज प्रयाग में गंगापार स्थित प्रतिष्ठानपुरी (झूंसी) के न्यायनगर में मां दुर्गा का भव्य मंदिर स्थित है। मान्यता है कि मंदिर स्थल पर त्रेता, द्वापर युग व उसके बाद संत तपस्या करते थे। उस दौर में यह स्थल जड़ी-बूटियों व फलदार के वृक्षों से घिरा था। मुगल व ब्रिटिश हुकूमत काल में इस मंदिर के अस्तित्व पर चोट पहुंची थी। फिर भी संतों का आना-जाना लगा रहा। संतों की प्रेरणा से उस पवित्र स्थल पर समाजसेवी ने भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। वर्तमान में मंदिर से हर किसी की आस्था जुड़ी है, वर्ष पर्यंत लोग दर्शन-पूजन के लिए आते हैं।
गंगापार के झूंसी में स्थित है दुर्गा माता का मंदिर
प्रयागराज में अध्यात्मिक ऊर्जा, अनुष्ठान व साधना का केंद्र प्रतिष्ठानपुरी (झूंसी) के न्यायनगर में मां दुर्गा का भव्य मंदिर स्थित है। इस प्राचीन मंदिर पर चोट भी पहुंची लेकिन आस्था नहीं डिगी। बताते हैं कि मुगल काल और ब्रिटिश हुकूमत में मंदिर के अस्तित्व को खत्म कर दिया गया था। इसके बाद भी साधु और संत यहां आकर पूजन-अर्चन करते थे। बताते हैं कि संतों की प्रेरणा से उस पवित्र स्थल पर समाजसेवी निशीथ वर्मा ने भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। मंदिर से हर किसी की आस्था जुड़ी है। वर्ष पर्यंत लोग दर्शन-पूजन के लिए आते हैं।
नवरात्र में आभूषणों से मां का होता है श्रृंगार
मंदिर में स्थित मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा का प्रतिदिन श्रृंगार किया जाता है। नवरात्र में स्वर्ण आभूषणों से मां के स्वरूप के अनुरूप श्रृंगार किया जाता है। अन्य दिनों में भी मइया का शास्त्र निर्देशों के अनुरूप श्रृंगार व पूजन होता है।
भक्तों की मां पूरी करती हैं मनोकामना
दुर्गा माता मंदिर में वर्षपर्यंत जनकल्याण के लिए अनुष्ठान चलता है। सनातन धर्म के मर्मज्ञ जप, तप व हवन में लीन रहते हैं। मनोकामना पूर्ति के लिए दूर-दराज से मइया के दरबार में लोग मत्था टेकने के लिए आते हैं। मान्यता है कि निष्कपट व भक्तिभाव से आने वाले हर भक्त की मां सभी कामना पूर्ण करती हैं।
मंदिर व्यवस्थापक निशीथ वर्मा बोले
मंदिर के व्यवस्थापक निशीथ वर्मा कहते हैं कि नवरात्र में मां दुर्गा के हर स्वरूपों के अनुरूप श्रृंगार व पूजन चलता है। मइया की महिमा का बखान कराने के लिए धार्मिक कार्यक्रम कराए जाते हैं। अबकी नौ से 11 अप्रैल तक मइया के दरबार में भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। इसमें ख्यातिलब्ध कलाकार प्रस्तुति देंगे।