यूपी कासगंज l अमांपुर कस्बा के बारहद्रारी स्थित कालेज रोड पर चल रही 11 दिवसीय संगीतमयी आदर्श श्रीरामलीला मंचन महोत्सव के पंचम दिवस समाज सेविका सुलोचन गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष मीना चौहान, राममूर्ति साहू, रीमा गुप्ता, मिथलेश गुप्ता, अनीता गुप्ता,ने भगवान श्रीराम लक्ष्मण के स्वरूपों का पूजन कर आरती उतारी। श्री राधा रसिक बिहारी लीला संस्थान वृन्दावन धाम के धर्म देव जी महाराज के तत्वावधान में कलाकारों ने बहुत ही मनमोहक दृश्यों के बीच धनुष यज्ञ, परशुराम-लक्ष्मण संवाद लीला का सजीव मंचन किया। जिसे देख दर्शक भाव-विभोर दिखे। श्री रामलीला का मंचन हनुमान चालीसा और गणेश वंदना के साथ शुरू हुआ। रामलीला में सीता स्वयंवर के लिए राजा जनक ने धनुष यज्ञ का आयोजन किया। जिसमें रावण व श्रीराम, लक्ष्मण धनुष यज्ञ देखने पहुंचे। जैसे ही धनुष दो हिस्सो में बंटा आकाश से देवताओं के द्वारा फूलों की वर्षा होने लगी। वही लक्ष्मण और परशुराम के बीच तीखा संवाद हुआ। परशुराम के क्रोध व लक्ष्मण के हठ को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए। पूरा रामलीला परिसर भगवान श्रीराम व सीता के जयकारों से गूंज उठा। ब्रज धाम से आए कलाकारों के द्वारा नए अंदाज में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। शुक्रवार की रात कलाकारों ने परशुराम-लक्ष्मण संवाद का मनोहारी मंचन किया। संवाद का मंचन देखने के लिए कस्बे और आसपास गांवों के लोग भारी संख्या में उमड़ पड़े। पूरा रामलीला पंडाल दर्शकों की भीड़ से खचाखच भरा था। भगवान शिव का धनुष टूटने से नाराज परशुराम की पूजा भंग हो जाती है और वह सीधे मिथिला पहुंच जाते हैं। वहां धनुष को टूटा देख दहाड़ते हुए कहते हैं कि किसमें इतनी हिम्मत आ गई, जो उसने शिव के धनुष को तोड़ दिया। इतनी हिम्मत कि हमारी पूजा भंग कर दी। परशुराम का क्रोध व नाराजगी से लक्ष्मण भन्ना गए। लक्ष्मण सीधे परशुराम से भिड़ गए और संवाद करने लगते है। क्रोध में आग बबूला लक्ष्मण ने कहा हमने बचपन में न जाने कितनी धनुहिया तोड़ी हैं उस समय को किसी ने क्रोध नहीं किया था। परशुराम-लक्ष्मण संवाद देखने को देर रात तक दर्शकों का मजमा जमा रहा। कस्बा जय श्री सीताराम के गगनभेदी जयघोष से गूंज उठा। इस दौरान रामलीला महोत्सव कमेटी के द्वारा रामलीला में आए दर्शकों के प्रति आभार प्रकट किया गया।