आज नवरात्रि का छठा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के कात्यायनी रूप की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इनकी पूजा से व्यक्ति को अपनी सभी इंद्रियों को वश में करने की शक्ति प्राप्त होती है। धर्म शास्त्रों की मानें तो ऋषि कात्यायन के घर पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण ही माता का नाम कात्यायनी पड़ा। सच्चे मन से माता की पूजा करने से रोग, शोक और भय से छुटकारा मिलता है।
माता के इसी स्वरूप में महिषासुर दानव का वध किया था, इसलिए मां कात्यायनी को महिषासुरमर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है। सच्चे मन से माता की पूजा-अर्चना करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। यह दिन खास तौर पर विवाह योग्य कन्याओं के लिए बेहद शुभ माना जाता है, माता की पूजा-अर्चना करने से मनोकामना की पूर्ति होती है।
ऐसे करें देवी की पूजा
- सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नानादि कर सभी नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं।
- फिर देवी की तस्वीर या मूर्ति को एक चौकी पर स्थापित करें।
- एक पुष्प हाथ में लें और मां के मंत्र का जाप करें।
- इसके बाद फूल को मां के चरणों में चढ़ाएं।
- देवी को लाल वस्त्र, 3 हल्दी की गांठ, पीले फूल, फल, आदि अर्पित करें।
- मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाएं. इससे मां प्रसन्न हो जाती हैं।
- इसके बाद दुर्गा चालिसा का पाठ करें।
- मां के मंत्रों का जाप करें और आरती का पाठ करें।