पटना। राजधानी में लगातार हो रही छिटपुट वर्षा के कारण डेंगू विकराल होता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 82 नए मरीज मिले और कुल रोगियों की संख्या 1076 हो गई है। वहीं देर शाम आई पीएमसीएच, एनएमसीएच और आइजीआइएमएस की रिपोर्ट डराने वाली है। पीएमसीएच में 74 लोगों की जांच में 49, आइजीआइएमएस में 76 में 39 की एनएस-1 और 19 की आइजीएम रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इसके अलावा एनएमसीएच में 32 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। हालांकि, देर शाम 139 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है, वह अभी स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में शामिल नहीं है। पीएमसीएच, एनएमसीएच के डेंगू वार्ड समेत बड़े निजी अस्पतालों में 50 से अधिक डेंगू मरीज भर्ती हैं। खुद मलेरिया पदाधिकारी डा. सुभाष चंद्र प्रसाद का मानना है कि यदि इसी प्रकार बीच-बीच में वर्षा होती रही तो डेंगू के मामले और बढ़ सकते हैं। ऐसे में लोगों को हरसंभव उपाय करना चाहिए कि मच्छर उन्हें नहीं काट पाएं। इसके लिए शरीर के अधिकतर हिस्सों को ढंक कर रखना चाहिए। इसके अलावा 24 घंटे विभिन्न प्रकार के मास्क्यूटो रिपेलेंट की सुरक्षा में रहें। यदि घर में या आसपास कोई डेंगू का मरीज हो तो उसे 24 घंटे मच्छरदानी में रहने को कहें। एनएमसीएच में मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. अजय कुमार सिन्हा ने कहा कि डेंगू वायरस डेन-1, डेन-2, डेन-3 व डेन-4 सेरोटाइप यानी चार प्रकार का होता है। डेन-1 और डेन-3 सेरोटाइप का डेंगू कम खतरनाक होता है। इस बार अधिकतर मरीजों में डेंगू के हल्के लक्षण उभर रहे हैं। बहुत से लोगों में अपेक्षाकृत बुखार भी बहुत तेज नहीं हो रहा है। कुछ लोगों में तेज बदन या सिरदर्द के बजाय इसकी तीव्रता बहुत कम है। हालांकि, अभी तक जितने रोगी आए हैं उन सभी में कुछ कम या ज्यादा बुखार अवश्य रहा है। यही कारण है कि दो-तीन दिन से बुखार होने पर डाक्टर डेंगू की जांच करा रहे हैं। बावजूद इसके यदि नाक-मसूढ़ों से खून आए, शौच या उल्टी में खून आए, त्वचा में गहरे नीले-काले या लाल चकत्ते दिखें तो तुरंत अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए।