चंडीगढ़। चंडीगढ़ की हरियाली शहर का गौरव है। बड़े-बड़े आकार के वृक्ष शहर में हरियाली की समृद्धि की गाथा बताते हैं। इन्हें देखकर सुकून का आभास होता है। लेकिन बारिश के दौरान जिस रफ्तार से पेड़ गिर रहे हैं इन्होंने अब आमजन के दिलों में डर पैदा कर दिया है। शहर में बीते रोज से हो रही तेज बरसात की वजह से शहर में कई जगह पेड़ गिरने की घटनाएं हुई हैं। हालांकि अभी तक किसी जानी नुकसान का समाचार नहीं है, लेकिन कई जगह गाड़ियों पर पेड़ गिरने से लोगों वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। चंडीगढ़ के सेक्टर- 16, 36, 38, 23, 22, 40, समेत कई जगह पेड़ गिरने की घटनाएं हुई हैं। सेक्टर-23 में घर के बाहर खड़ी गाड़ी पर पेड़ गिरने से काफी नुकसान पहुंचा है। अब विशाल पेड़ों के पास से निकलने में भी डर लगने लगा है। बारिश में तेज हवाओं के बीच पेड़ों की लहराती शाखाओं को देखकर मन घबराने लगा है। अब तो नौबत यह आ गई है कि गर्मियों में कार पार्क करने के लिए जहां पेड़ों की छाया ढूंढी जाती है। अब बारिश के दिनों में हर कोई पेड़ों के पास कार पार्क करने से भी बच रहा है। कई बार तो चलते वाहनों पर भी पेड़ गिरे हैं। इससे अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल होर्टिकल्चर डिपार्टमेंट पर उठ रहा है। आखिर इन पेड़ों की देखभाल समय पर नहीं की गई। अगर ऐसा समय रहते होता तो लोगों के मन में यह डर पैदा नहीं होता। इससे पहले सेक्टर-9 कार्मल कान्वेंट स्कूल में गिरे पीपल के पेड़ के मामले में भी ऐसी ही बात सामने आई थी। यह पेड़ भी हार्टरोट बीमारी से ग्रस्त था, जिसकी कभी देखभाल ही नहीं की गई। अंदर से पेड़ पूरा खोखला हो चुका था। पर्यावरणविद राहुल महाजन ने कहा कि जिस तरह से शहर में बड़े पेड़ गिर रहे हैं। ऐसा न हो कि भविष्य में लोग पेड़ लगाना ही बंद कर दें। अगर ऐसा हुआ तो बेहद खतरनाक होगा। लोगों के मन में प्रकृति और पेड़ों के प्रति प्यार खत्म हो जाएगा। वह पेड़ों को मोनस्टर की तरह देखने लगेंगे। जल्द ही इस धारणा को बदलने के लिए पेड़ों का ध्यान रखना जरूरी है।