नई दिल्ली, दिल्ली के एक निजी अस्पताल में एक बच्चे के गले में फंसा सिक्का निकालकर उसे नई जिंदगी दी है। बच्चे ने गलती से सिक्का निगल लिया था, जिसके बाद उसे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो गई थी।
बच्चे को लगातार हो रही थी खांसी
एक आठ वर्षीय बच्चे के गले में तीन दिनों से एक सिक्का अटका हुआ था। पश्चिमी दिल्ली में स्थित मणिपाल अस्पताल के चिकित्सकों ने सफल इलाज कर बच्चे को नया जीवन प्रदान किया है। बच्चे को खांसी और लगातार लार निकलने की शिकायत के साथ अस्पताल में लाया गया था।
एसोफेजियल परफोरेशन से पीड़ित हो गया था बच्चा
वहीं, अस्पताल में जांच के दौरान पता चला कि बच्चे के गले में सिक्का अटका हुआ है, जिसके कारण वह एसोफेजियल परफोरेशन (आहार नलिका में छेद) नामक एक दुर्लभ और जटिल समस्या से ग्रस्त हो गया है। उसकी आहार नलिका में छेद के कारण फेफड़ों में रिसाव हो रहा था, जिसकी वजह से फेफड़ों से लगातार तरल निकल रहा था।
ऑपरेशन कर बचाई बच्चे की जान
डॉक्टरों के मुताबिक, कई तरह की समस्याओं के चलते उसे ब्रोंकियल निमोनिया हो गया था। पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलाजिस्ट चिकित्सा विशेषज्ञ डा. सुफला सक्सेना ने बताया कि बच्चे की आहार नली में छेद और फेफड़ों में तरल का रिसाव होने के कारण यह मामला टीम के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण बन गया था। यदि इस बच्चे का तत्काल इलाज नहीं किया जाता, तो उसकी मृत्यु या उसकी आहारनली को स्थायी क्षति भी हो सकती थी।
बच्चे के गले से सिक्के को निकालने के बाद, हमने उसे एनजी ट्यूब से आहार दिया। जब उसकी आहार नली ठीक होने लगी, तब हमने उसका पूरा निरीक्षण कर आहार देने के लिए लगाया गया ट्यूब हटा दिया। बच्चे ने मुंह से आहार लेना शुरू कर दिया था, जिसके बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। समय पर हस्तक्षेप और सही इलाज मिल जाने के कारण उसकी आहार नली में कोई सिकुड़न नहीं हुई, जो आम तौर से परफोरेशन के मामले में हो जाती है।