आरबीआई ने फिनटेक कंपनियों और कर्ज देने वाले एप को चेतावनी दी है। कुकुरमुत्तों की तरह उग रहे एप और उनकी अत्यधिक ब्याज वसूली पर आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, हम ऐसे ऑपरेटरों को दंडित करने या उनके नवाचार को दबाने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं। लेकिन यह जरूर चाहते हैं कि वे नियमों का पालन करें।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट-2022 में उन्होंने कहा, केंद्रीय बैंक का इरादा यह सुनिश्चित करना है कि हर कोई नियम का पालन करे। उनका यह बयान हाल की उन घटनाओं के मद्देनजर आया है, जिसमें इन एप से उधारी लेने वाले कुछ लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।
पिछले हफ्ते ही झारखंड में महिंद्रा फाइनेंस के वसूली एजेंटों ने एक गर्भवती महिला को कुचल कर मार दिया था। पिछले दो वर्षों में केंद्रीय बैंक ने अपने नियमों में कई तरह का बदलाव किया है, जिसमें कर्ज देने वाले एप को खुलासा करना होगा कि वे किस बैंक या एनबीएफसी के साथ जुड़े हैं।
लोगों का भरोसा बनाए रखने को सुरक्षा पर लगातार काम करे फिनटेक उद्योग : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि फिनटेक क्षेत्र को लोगों का भरोसा बनाए रखने के लिए सुरक्षा और विश्वसनीयता पर लगातार काम करने की जरूरत है। ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ)-2022 में अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा, समावेश के लिए नवाचार हमारा मंत्र रहा है। जैम त्रयी (जनधन, आधार और मोबाइल) से सार्वजनिक वितरण में क्रांति आई है।
डिजिटल भुगतान को जीवन का एक अंग बनाने में यूपीआई की सफलता बेमिसाल है। फिनटेक और स्टार्टअप जगत में नवाचार से भारत की ख्याति बढ़ी है। मोदी ने अपने संदेश में कहा, यह क्षेत्र इस बात की पुष्टि करता है कि जब नवाचार को बढ़ावा देने वाली सरकार और आविष्कारी दिमाग एक साथ आते हैं तो असंभव भी संभव हो जाता है।
समृद्ध भारत के निर्माण पर रहे जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को बेहतर गुणवत्ता वाली वित्तीय सेवाएं देकर उन्हें सशक्त बनाने की आवश्यकता है। चर्चा इस बात पर होनी चाहिए कि फिनटेक क्षेत्र आजादी के अमृत काल में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिससे समृद्ध और समावेशी भारत का निर्माण हो सके।
- भारत बैंकिंग तक पहुंच के मामले में पूर्णता की ओर बढ़ रहा है। डिजिटल भुगतान के लिहाज से भी पूरी तरह तैयार है। यह एक अभूतपूर्व यात्रा रही है।
सरकार के साथ अत्यधिक जुड़ाव से करें काम : वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि फिनटेक उद्योग को आपसी भरोसा और मजबूत करने के लिए दूरियां समाप्त कर सरकार एवं उसकी एजेंसियों के साथ अधिक जुड़ाव से काम करना चाहिए। जीएफएफ-2022 में गोपालकृष्णन ने पूछा था कि उद्योग, नियामकों और सरकार के बीच भरोसा कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है।
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मैं एक ही चीज बार-बार नहीं दोहराना चाहती, लेकिन यह सही है कि दूरी अविश्वास पैदा करती है। इसलिए दूरियां खत्म कीजिए। सरकार में चाहे प्रधानमंत्री हों, मंत्री हों या नीति आयोग, हर कोई बातचीत और विचारों के आदान-प्रदान के लिए उपलब्ध है।
