गया से मुकेश कुमार शर्माबिहार गया। पितृपक्ष के दसवें दिन सोमवार को त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध करने वाले की भीड़ सीताकुंड में रही। पितृपक्ष के दसवें दिन सोमवार को त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध करने वाले की भीड़ सीताकुंड में रही। आश्विन कृष्ण पक्ष नवमी तिथि पिंडदानियों ने वहां कर्मकांड किया जहां माता सीता ने पिंडदान किया था। पितरों की आत्मा को मोक्ष दिलाने के लिए मातृनवमी को पिंडदानियों ने सीताकुंड और रामगया वेदियों पर कर्मकांड किया।
आज की महत्ता को ध्यान में रखकर पूर्वजों के अक्षयलोक की प्राप्ति की कामना के साथ तीर्थयात्रियों ने बालू के पिंड अर्पित किए। महिलाओं ने पिंड के बाद सीताकुंड में सौभाग्य पिटारी भी दान किया। सीताकुंड परिसर में स्थित देवी-देवताओं की मंदिरों में पूजा-अर्चना भी की। सुबह से दोपहर तक सीताकुंड का इलाका कर्मकांड के मंत्रो से गूंजता रहा। सीताकुंड के पिंडदानियों ने श्मशान घाट, देवघाट, संगत घाट, विष्णुपद मंदिर, प्रेतशिला, सहित अन्य प्रमुख पिंडवेदियों पर भी अपने पितरों की आत्मा की मुक्ति के लिए कर्मकांड किया।
रबर डैम के पुल के सहारे हजारों पिंडदानी पहुंचे सीता कुंड
इस बार फल्गु में पानी के साथ-साथ पिंडदानियों को सबसे बड़ी सुविधा रबर डैप के साथ पुल की है। सीताकुंड का विधान होने के कारण अहले सुबह से ही पिंडदानियों का जत्था संगत घाट पर बने रबर डैम पुल से होकर गुजरने लगा। सुबह 9 बजे के बाद भीड़ बढ़ गयी है। हजारों लोगों ने डैम पुल से होकर सीताकुंड पहुंचे। पिंडदान के बाद फिर पुल के सहारे वापस विष्णुपद लौट आए। पुल के पूर्वी और पश्चिम छोर पुलिस की टीम तैनात रही। इसके अलावा भारी संख्या में तीर्थयात्री ऑटो और निजी वाहन से पहुंचे। आलम यह रहा कि मानपुर-बाइपास पुल पर दिनभर गाड़ियों की कतार लगी रही। जाम नहीं लगे इसके लिए जवान मुस्तैद रहे।
तीखी धूप और पुल के नीचे गंदगी के पास किया पिंडदान
सीताकुंड परिसर के अलावा पिंडदानियों ने खुले में बैठकर भी पिंडदान किया। बाइपास पुल के नीचे गंदे पानी के बगल में तीर्थयात्रियों ने पिंडदान किया। इसके अलावा आगे बढ़ने पर तीखी धूप में बैठकर कर्मकांड किया। पितृपक्ष के दसवें दिन आश्विन कृष्ण पक्ष दशमी मंगलवार को पिंडदानी विष्णुपद इलाके में स्थित गयासिर और गयाकूप वेदी पर त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध करेंगे। गया से मुकेश कुमार शर्मा का रिपोर्ट।