यूपी के गाजीपुर जिले में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले प्रथम चरण आंदोलन के तहत बुधवार को स्वास्थ्य कर्मियों ने कार्यालयों में काला फीता बांधकर काम करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान स्थानांतरण नीति पर घोर विरोध जताया। प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर 25 जुलाई को सीएमओ कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी गई। इसके बावजूद मांगें पूरी न होने पर 26 से 30 जुलाई तक सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दो घंटे कार्य बहिष्कार कर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करेंगे। स्वास्थ्य कर्मियों ने जिला अस्पताल, महिला जिला अस्पताल के अलावा स्वास्थ्य केंद्र बिरनो, अंधऊ, मेदनीपुर, जमानियां, गाजीपुर, मुहम्मदाबाद, जंगीपुर, मरदह के अलावा अन्य अस्पतालों में प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरण नीति में घोर लापरवाही को लेकर 14 जुलाई को महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ पर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया जा चुका है। मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को अवगत कराया गया था कि 19 जुलाई तक अगर गलत तरीके से किए स्थानांतरण को वापस नहीं किया गया तो कर्मचारी आंदोलनरत होंगे। इसके बावजूद परिषद के पत्र पर कोई विचार नहीं किया गया। इसे लेकर प्रथम चरण का आंदोलन शुरू किया गया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला अध्यक्ष दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि कर्मचारियों का नियम के विरुद्ध स्थानांतरण किया गया है। पटल परिवर्तन के नाम पर कर्मचारियों का स्थानांतरण व शोषण किया गया है। बहुत से कर्मचारियों का स्थानांतरण 50 से 100 किलोमीटर दूरी पर कर दिया गया है, जो गलत है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव, ओंकारनाथ पांडे, अरविंद कुमार सिंह, राकेश पांडेय, आलोक राय, बालेंद्र त्रिपाठी, विनोद पांडे, गोविंद, अभय सिंह, रामधनी, राजेश आदि थे।