हिमाचल प्रदेश, जिला हमीरपुर: ग्राम पंचायत रंगस के सैनिक ने सेवानिवृत्ति के बाद मधुमक्खी पालन कर युवाओं को स्वरोजगार की राह दिखाई है। सैनिक विजय ठाकुर ने युवाओं को संदेश दिया कि वे सरकार की मधु विकास योजना के तहत उद्यान विभाग से अनुदान लेकर मधुमक्खी पालन व्यवसाय को अपना कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। विजय 2019 में सेना से सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। 2021 में विजय ने उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी में पांच दिन का मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लिया।
इसके बाद उन्होंने उद्यान विभाग से 80 फीसदी अनुदान पर 25 पेटियां लेकर मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू किया। धीरे-धीरे मेहनत करके उन्होंने 25 पेटियों से 50 पेटियां कर ली हैं। इससे उन्होंने दो माह के भीतर ही 40 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा लिया। विजय ठाकुर ने बताया कि सही ढंग से प्रशिक्षण लेने के बाद युवा भी उद्यान विभाग से अनुदान लेकर मधुमक्खी पालन व्यवसाय को अपना सकते हैं। इससे जहां उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, वहीं बेरोजगारी के चलते जो युवा नशा करना शुरू कर देते हैं, वह स्वरोजगार अपनाकर स्वावलंबी बन सकते हैं। वहीं, विजय ठाकुर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि शुद्ध व देसी शहद की बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध करवाए जाए। बाजार उपलब्ध न होने से शहद उत्पादकों को स्थानीय स्तर पर कम कीमत पर शहद बेचना पड़ रहा है। सही मायने में शुद्ध व देसी शहद आठ सौ रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकना चाहिए, लेकिन बड़ी मुश्किल से 450 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से लोकल स्तर पर बिकता है। हिमाचल स्टेट ब्यूरो रतन चंद की रिपोर्ट 151049876