सूखे पयार में ना तो हरा चारा है और ना ही चूनी चोकर यह तस्वीर है जनपद हरदोई के उमरारी, बक्सखेडा ग्राम पंचायत स्थित पशु आश्रय स्थल या कहें गौशाला की, जहा यूपी के मुख्यमंत्री के आदेशो की खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है, गौवंशों के चारे के लिए आए रुपयो का समय से पेमेंट ना होने से इस गौशाला मे गायों को खाने के नाम पर महज सूखा धान का पयार ही खांद कर दिया जा रहा है, सूखे इस पयार में ना तो हरा चारा है और ना ही चूनी चोकर मिलाया जा रहा है। जिससे गौवांशो की मृत्यु दर बढ़ सकती है मामले संबंधी जानकारी देख रेख कर रहे अन्नू सिंह ने बताया कि गौवांशो को हरे चारे की व्यवस्था समय-समय पर की जाती है इस बार नहीं की जा पाई है जिसका कारण है गौशाला का पेमेंट फंसा हुआ है जो नहीं हो पाया है जिसके कारण धान के पयार को खिलाया जा रहा है। वही सिगरेटरी अमर सिंह ने बताया कि 85 गौवंश लिखित रूप से गौशाला में उपस्थित है इस बार बीते दो दिनों से गिनती नहीं की जा सकी है जबकि मौके पर गौवांशों की संख्या 56 ही पाई गई। उन्होंने भी गौशाला के पेमेंट को समय से ना होने के चलते बेहतर चारे की व्यवस्था से पल्ला झाड़ने जैसी बात कही। गौवंशो को खाने के लिए बनी चन्नियाँ पूरी तरह खाली दिखी इससे कयास लगाए जा सकते हैं कि गौवंश कहां और कब चारा पानी खाते होंगे। गौशाला के आसपास में कहीं पर भी पहचान के रूप में ना तो वॉल पेंटिंग की गई है और ना ही कोई बोर्ड लिखकर लगाया गया है कि जानकारी हो सके यह कौन सा और कहां का गौशाला है जबकि गौशाला के अंदर जलभराव की स्थिति भयानक है जिसके चलते गौवंश खुलकर विचरण नहीं कर पा रहे वह पूर्व से गंदे भरे हुए पानी को पीने पर मजबूर है। रोकथाम के लिए लगी आसपास खंभे रूपी बैरिकेडिंग भी जगह-जगह टूटी है जिससे गोवंश बाहर भी निकल जाते हैं। हरे चारे को लेकर आसपास के ग्रामीण जन नाम ना लिऐ जाने की शर्त पर बताते हैं कि वर्तमान समय में प्रधान एवं उनके लोगों द्वारा ग्राम पंचायत में पयार की मांग की जा रही है उसे निशुल्क रूप में खेतों से उठाकर गौशाला में ले जाकर गौवांशो को खिलाए जाने का कार्य किया जा रहा है। इस तरह से साफ तौर पर कहा जा सकता है कि योगी शासन में प्रधान सिगरेट्री आदि की उदासीनता के चलते गौवंश रूखा सूखा खा कर मौत को गले लगाने पर मजबूर है।देखे पीयूष तिवारी की रिपोर्ट 151131881