सुरेश मेहर संवाददाता
गरोठ- पुलिस विभाग की छवि अकसर आम जनों के मन में डर और भय कि होती है, फरियादी जब थाने जाता है, तो वह अपने मन में कई तरह की शंका, कुशंका लेकर जाता है, कि क्या होगा -?पुलिस उसकी सुनेंगे कि नहीं या समस्या हल होगी कि नहीं--? असमंजस के भंवर में फरियादी ऊलझ कर रह जाता है। ऐसा ही एक मामला गरोठ थाने में आया , जहां फरियादी रोते हुए अपनी पीड़ा लेकर थाने में आया और अपनी आपबीती पुलिस थाने में पदस्थ एसआई अशोक शुक्ला को बताई और कहा की लॉकडाउन के चलते मेरा व्यापार व्यवस्था चौपट हो चुका था, और मैं आर्थिक तंगी में गुजर रहा था, तो मैंने एक व्यक्ति से ₹10000 दस हजार उधार लिए थे, और जिसमें में 32 सो रुपए दे चुका हूं, लेकिन वह व्यक्ति पूरे पैसे चुकाने के लिए बहुत परेशान और दबाव बना रहा है, और मेरी स्थिति ऐसी नहीं है कि, मैं पूरा भुगतान अभी कर सकूं। एस आई शुक्ला ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जिस व्यक्ति ने पैसे उधार दिए थे, उसको बुलाया, और उसे समझाया। वो व्यक्ति भी किसी अन्य व्यक्ति से पैसे लेकर आया था और कह रहा था, कि मुझे मेरा पेमेंट दिलवा दीजिए साहिब। फिलहाल फरियादी की स्थिति पैसे देने लायक नहीं थी, तो तुरंत एसआई अशोक शुक्ला ने अपने पर्स में रखें 25 सौ रुपए निकालकर उधार देने वाले व्यक्ति को देकर कहा, कि यह रुपए रखिए, और हर माह ₹1000 की किश्त मुझसे लेकर जाना, और पीड़ित को बिल्कुल भी परेशान मत करना, यह बात मान कर उधार देने वाला व्यक्ति थाने से चला गया, और फरियादी यह सब देख कर मन ही मन खुश हुआ, और एसआई अशोक शुक्ला को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए खुशी-खुशी अपने घर रवाना हुआ। एसआई अशोक शुक्ला की दरियादिली से पुलिस विभाग का नया मानवीय चेहरा सामने आया है, और एसआई अशोक शुक्ला की इस दरियादिली पर , फास्ट न्यूज इंडिया भी उनके इस जज्बे को सलाम करती हैं