राधे-राधे की गूंज ..... राधा अष्टमी पर नेमा समाज ने मनाया परम्परागत विमानोत्सव
4 किमी का सफर तय कर राधा कुंड पर पहुंचे भगवान लक्ष्मीनारायण, महाआरती के बाद बांटा तले चले का प्रसाद
विदिशा प्रदीप कुमार प्रजापति व्यूरो चीफ़ 7000536382
मध्यप्रदेश के विदिशा जिले की सिरोंज तहसील में राधे तुम बढ़ी भागिनी कौन तपस्या कीन, तीन लोक तारन-तरन सो तुमरे आधिन। के जयकारे के साथ मंगलवार को नेमा समाज ने शहर में विमान निकाले। भगवान लक्ष्मीनारायण का विमान मंगलवार को 4 किमी का सफर तय कर राधा कुंड पर पहुंचा। यहां पर देर रात तक राधाकृष्ण के जयकारे गुंजायमान हुए।
नेमा समाज द्वारा नगर में राधा अष्टमी पर विमान यात्रा निकालने की परम्परा है। इस बार भी समाज द्वारा विमान यात्रा निकाली लेकिन कोविड नियमों का पालन करते हुए। हर बार समाज की महिलाएं एवं पुरूष समूह के रूप में विमान यात्रा में सहभागिता करती थी। इस बार विमानोत्सव में समाज के पुरूष सदस्य ही शामिल थे और वे भी कम संख्या में। कठाली बाजार में स्थित नेमा समाज के भगवान लक्ष्मीनारायण मंदिर में विराजित ठाकुर जी और राधा रानी दोपहर में विमान में विराजित हुए। यहां पर आरती के उपरांत ठाकुर जी और राधा रानी नगर भ्रमण पर निकले। विमान में सारथी की भूमिका समाज के ही सदस्यों द्वारा निभाई जा रही थी। ये सभी कन्हैया और राधा रानी के जयकारे लगाते हुए विमान को आगे बढ़ा रहे थे। वहीं समाज के ही युवा सदस्य बेंड-बाजो की धुन से निकल रहे राधा रानी की भजनों पर थिरक रहे थे। जहां से भी यह विमान निकला श्रद्धालुओं ने आरती कर ठाकुर जी को प्रसाद अर्पित किया।
गंगा पार करवाने ठाकुर जी को बिठाया सिर पर
मुख्य बाजार से होता हुआ भगवान लक्ष्मीनारायण का विमान टोरी मोहल्ले में पहुंचा। यहां पर नेमा समाज द्वारा गंगा पार करवाने की परम्परा निभाई जाती है। जिसमें ठाकुर जी और राधा रानी को विमान से उतार कर श्रद्धालु अपने सिर पर स्थापित करते है। श्रद्धालु यहां से 3 किमी दूर राधा कुंड तक बारी-बारी से अपने सिर पर बिठा कर ही ठाकुर जी और राधा रानी को लेकर गए। पैदल चल रहे श्रद्धालु लगातार जयकारे लगा रहे थे।
कुंड में स्नान कर दरबार में पहुंचे ठाकुर जी
राधा कुंड पहुंचने के बाद श्रद्धालु उन्हें यहां स्थित कुंड पर ले गए। यहां पर ठाकुर जी और राधा रानी के स्नान के उपरांत उन्हें दरबार में स्थापित किया गया। आज पूजन और महाआरती के उपरांत 56 भोग लगाया गया बात संपूर्ण नेमा समाज का महाप्रसादी का वितरण किया गया। जिसमं नेमा समाज के अलावा अन्य श्रद्धालुओं ने भी कतार में लग कर प्रसाद ग्रहण किया।
भक्त की तपस्या से प्रसन्न होकर प्रकट हुई थी राधा रानी
किवंदती है कि राधा कुंड पर किसी भक्त की तपस्या से प्रसन्न होकर राधा रानी यहां पर प्रकट हुई थी और भक्त को दर्शन दिए थे। वे यहां पर अपने चरण चिन्ह छोड़ कर गई थी। वे चिन्ह आज भी यहां पर कुंड के समीप मौजूद हैं। इसके बाद यह क्षेत्र राधा कुंड के नाम से जाना जाता है। जिस भक्त को राधा रानी ने दर्शन दिए थे। वे नेमा समाज के ही थे। इस कारण नेमा समाज ही इस क्षेत्र में सेवा कार्य करती है।
मदनमोहन सरकार के दरबार में भी हुई विशेष आरती
राधा अष्टमी का उल्लास नगर के कृष्ण मंदिरों में भी दिखाई दिया। दोपहर में मंदिरों में आरती और प्रसादी का वितरण हुआ। प्रतिष्ठित मदनमोहन सरकार के दरबार में भी महाआरती का आयोजन हुआ। सरकार के सेवक नवनीत महाराज ने उत्सव से जुड़ी जानकारी दी। इसके उपरांत महाप्रसादी का वितरण हुआ।