अंबेडकरनगर। किसी भी प्रकार का ऑपरेशन कराने के लिए यदि जिला अस्पताल जा रहे हैं, तो पूरी तैयारी के साथ जाएं। मरीज को भर्ती कराने से पहले अस्पताल को सर्जिकल से संबंधित सामान उपलब्ध कराना पड़ेगा। कारण यह है कि जिला अस्पताल में कोई भी सर्जिकल सामान उपलब्ध नहीं है। न तो धागा है और न ही ब्लेड। इतना ही नहीं हार्निया की जाली भी जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। इसके चलते सबसे अधिक समस्या उस समय उत्पन्न होती है, जब किसी हादसे में गंभीर रूप से घायल को इमरजेंसी में भर्ती कराया जाता है। उस समय सर्जिकल सामग्री के न होने से असहज स्थिति उत्पन्न हो जाती है। मरीजों व उनके तीमारदारों के लिए एक बड़ी उम्मीद का केंद्र माना जाने वाला जिला अस्पताल उनकी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पा रहा है। किसी हादसे में गंभीर हालत में तीमारदार अपने मरीज को लेकर बड़ी उम्मीदों के साथ जिला अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें यहां पहुंचकर विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिला अस्पताल में मरीजों को किस हद तक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल में किसी भी प्रकार का सर्जिकल सामान उपलब्ध नहीं हैं। न तो ऑपरेशन के बाद टांका लगाने के लिए धागा मौजूद है और न ही ब्लेड। और तो और टांका लगाने वाली सुई, हार्निया की जाली, पेशाब नली समेत कई अन्य प्रकार के सर्जिकल उपकरण ऑपरेशन कक्ष से नदारद हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार के ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के तीमारदारों को ऑपरेशन से पहले सभी जरूरी सर्जिकल सामग्री जिला अस्पताल को उपलब्ध करानी पड़ती है। इससे कई बार तीमारदारों को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक समस्या तो उस समय उत्पन्न होती है, जब किसी हादसे गंभीर रूप से घायल मरीज को इमरजेंसी में भर्ती कराया जाता है। इमरजेंसी में भी किसी भी प्रकार की सर्जिकल सामग्री मौजूद नहीं है।