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सीजर के लिए जिला अस्पताल तक की दौड़ लगाने से राहत
  • 151005768 - MUKESH KUMAR 0 0
    15 Sep 2021 20:34 PM



बसखारी। प्रसव पीड़िता को अब ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल तक की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। सीएचसी बसखारी में ही ऑपरेशन की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। सोमवार को पहला सफल सीजेरियन ऑपरेशन हुआ। इसमें प्रसव पीड़िता को पुत्री पैदा हुई। ऑपरेशन की सफलता पर अस्पताल के कर्मचारियों व प्रसव पीड़िता के परिवारीजनों ने खुशी का इजहार किया। इसके अलावा बसखारी क्षेत्र के नागरिकों ने भी खुशी जताते हुए कहा कि सीएचसी बसखारी में ऑपरेशन की शुरुआत होने से अब प्रसव पीड़िता व उनके परिवारीजनों को इधर-उधर की दौड़ से राहत मिलेगी। टांडा तहसील अंतर्गत बसखारी विकास खंड में जिले में सबसे अधिक प्रसव होते हैं। इसे देखते हुए लगभग पांच वर्ष पूर्व सीएचसी बसखारी को 30 बेड वाला मातृ शिशु कल्याण केंद्र हैंडओवर हुआ था। इससे उम्मीद बंधी थी कि अब प्रसव पीड़िता को ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल तक की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। हालांकि समुचित व्यवस्था न होने व महिला चिकित्सक तथा एनेस्थीसिया चिकित्सक की तैनाती न होने से ऑपरेशन की व्यवस्था सीएचसी बसखारी में नहीं हो सकी थी। ऐसे में प्रसव पीड़िता को यदि ऑपरेशन की जरूरत पड़ती थी, तो परिवारीजनों को जिला अस्पताल तक की दौड़ लगानी पड़ती थी।लगातार बढ़ रही मांग को देखते हुए लगभग दो वर्ष पूर्व महिला चिकित्सक डॉ. रजनी सचान की तैनाती की गई थी, लेकिन अन्य सुविधाएं न होने के चलते सीजेरियन ऑपरेशन की शुरुआत नहीं हो सकी थी। इस बीच लगभग एक माह पूर्व एनेस्थीसिया चिकित्सक डॉ. विजय बहादुर को सीएचसी बसखारी का प्रभारी बनाया गया। इसके बाद से ही डॉ. विजय बहादुर ने सीएचसी बसखारी में ही ऑपरेशन की शुरुआत किए जाने की व्यवस्था शुरू कर दी। इसमें उन्हें सफलता भी मिली। आखिरकार सोमवार देर शाम डॉ. रजनी सचान के नेतृत्व में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने गर्भवती का सफल ऑपरेशन किया। बधाई के पात्र हैं चिकित्सक व कर्मचारी टांडा तहसील अंतर्गत हटवा निवासी दीपक मौर्य की पत्नी नीतू को सोमवार की शाम प्रसव पीड़ा शुरू हुई। दीपक ने कहा कि पहले तो वह असमंजस में था कि पत्नी को सीएचसी बसखारी में भर्ती कराएं कि नहीं। चिकित्सक ने पहले ही बता दिया था कि ऑपरेशन से ही बच्चा पैदा होगा। सीएचसी बसखारी में पहला ऑपरेशन होना था। ऐसे में वह तय नहीं कर पा रहा था कि वह क्या करे। हालांकि डॉ. रजनी सचान व डॉ. विजय बहादुर ने उन्हें काफी भरोसा दिलाया। इसके बाद सफल ऑपरेशन हुआ और पुत्री ने जन्म लिया। ऐसे में पहला ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक व स्टॉफ के सदस्य बधाई के पात्र हैं। जच्चा व बच्चा दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं।



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