अभिषेक सिंह गाजियाबाद माहवारी के वक्त गंदे कपड़े का इस्तेमाल करने से महिलाओं को गर्भाशय के कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा रहता है। वर्तमान में भी ग्रामीण क्षेत्र में जागरुकता की कमी व आर्थिक बचत के लिए महिलाएं माहवारी के दौरान गंदे कपड़े का इस्तेमाल करती हैं।
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद: माहवारी के वक्त गंदे कपड़े का इस्तेमाल करने से महिलाओं को गर्भाशय के कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा रहता है। वर्तमान में भी ग्रामीण क्षेत्र में जागरुकता की कमी व आर्थिक बचत के लिए महिलाएं माहवारी के दौरान गंदे कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में उनकी जान को जोखिम होता है। ऐसा न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने पहल करते हुए सेनेटरी नैपकिन तैयार कराई है। इसे निरा नाम दिया गया है।
निरा का अर्थ ऐसे पदार्थ से है, जिसे एक बार इस्तेमाल में लाने के बाद भी उसका महत्व कम न होता हो। जिला प्रशासन द्वारा निरा नाम से तैयार किए सेनेटरी नैपकिन की भी यही खासियत है। इसको एक बार इस्तेमाल करने के बाद महिलाएं धुलकर दोबारा इस्तेमाल कर सकेंगी। दावा है कि यह सेनेटरी नैपकिन शत प्रतिशत हाइजीनिक होगी। ऐसे में महिलाएं इसका इस्तेमाल कर एक तरफ बीमारी से बच सकेंगी, तो दूसरी तरफ उनको आर्थिक बचत भी होगी। मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और उनको रोजगार दिलाने के लिए सेनेटरी नैपकिन बनवाई गई है। इसका महिलाओं को लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। चार अगस्त को बाजार में आएगी निरा