दोस्त हर किसी की जिंदगी का वह जरूरी हिस्सा होते हैं, जिसके बिना कोई इंसान अपनी जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकता। सुख में दोस्त का साथ हो तो खुशियां बढ़ जाती हैं और दोस्त का हाथ कंधे पर हो तो दु:ख की घड़ी जल्दी बीत जाती है। पौराणिक किरदारों में भी दोस्ती के किस्से सुनने को मिलते हैं। कृष्ण और सुदामा की दोस्ती हो या राम और सुग्रीव की। महाभारत के युद्ध में भी कृष्ण ने अर्जुन के सखा की भूमिका निभाई थी। दोस्ती का दर्जा कितना ऊंचा होता है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज एक अगस्त को पूरा विश्व दोस्ती दिवस यानी फ्रेंडशिप डे के रूप में मना रहा है। गाजियाबाद में भी ऐसी कसमे खाने वाले दोस्ती के उदाहरण हैं।
संजीव व पप्पू पहलवान की जोड़ी है खास
कहते हैं कि राजनीति में हमेशा के लिए कोई मित्र नहीं होता। आज का दोस्त कल दुश्मन हो सकता है। मगर यह कहावत भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा और महानगर महामंत्री पप्पू पहलवान की जोड़ी पर सटीक नहीं बैठती। पूर्व में दो बार महानगर उपाध्यक्ष रहे पप्पू पहलवान को संजीव शर्मा के महानगर अध्यक्ष बनने पर महामंत्री का पद मिला। संजीव शर्मा बताते हैं कि उनकी दोस्ती 25 साल पुरानी है। वह राजेंद्रनगर में रहते थे तो उनके यहां अक्सर दोस्त आया करते थे। पप्पू उस समय राजेंद्र नगर कालोनी की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष थे। दोस्तों की आवाजाही को लेकर पप्पू उनके घर यह चेक करने आते थे कि कोई संदिग्ध या गलत आदमी तो नहीं आ रहा। कई दिन तक कुछ गलत नहीं मिला तो पप्पू को संजीव के मित्र और उनकी दोस्ती अच्छी लगने लगी। धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ीं और फिर दोनों बेस्ट फ्रेंड बन गए