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लोनी में पेयजल, सफाई और सड़क पर खर्च होंगे पौने 32 करोड़
  • 151044297 - RAJEEV KUMAR 0



गाजियाबाद। लोनी में जलभराव, गंदगी और टूटी सड़कों से निजात मिल सकेगी। 14वें और 15वें वित्त आयोग से नगर पालिका क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 33.80 करोड़ रुपये के प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें जल निकासी के लिए नाले का निर्माण, सफाई के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्थानीय निवासियों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति से लेकर नाली और इंटरलॉकिंग टाइल्स की सड़कों का निर्माण कार्य शामिल है। इनमें से कुछ कार्य छह महीने की अवधि में पूरे होंगे तो कुछ कार्य एक महीने में ही पूरे हो सकेंगे।
बृहस्पतिवार को डीएम राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में विकास कार्यों से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा की गई। नगर पालिका की चेयरमैन रंजीता धामा, अधिशासी अभियंता शालिनी गुप्ता की तरफ से एक-एक करके प्रस्तावों की जानकारी दी गई। इसमें सबसे ज्यादा प्रस्ताव जल निकासी, सड़क व नालियों के निर्माण से जुड़े हैं। प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान करते हुए डीएम ने कहा कि स्थानीय स्तर पर अधिशासी अभियंता सुनिश्चित कराएं कि कार्य गुणवत्तापूर्ण और निर्धारित समय पर पूरा हो। इसके लिए एडीएम प्रशासन और एसडीएम लोनी का भी दायित्व निर्धारित किया गया है। दोनों ही अधिकारी नियमित अंतराल पर विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे और उनकी गुणवत्ता की जांच कराएंगे। अगर कोई निर्माण एजेंसी मानकों के अनुरूप निर्माण नहीं करती है तो उसकी स्पष्ट आख्या के साथ रिपोर्ट देंगे। बैठक में एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।लोनी में जलभराव सबसे बड़ी समस्या
पालिका क्षेत्र में जल निकासी सबसे बड़ी समस्या है। बारिश के पानी की निकासी का कोई ठोस इंतजाम न होने के कारण सड़कों पर जलभराव होता है। लोनी से निकलने वाला बागपत-सहारनपुर मार्ग भी बारिश होने पर जलमग्न रहता है। इसके साथ ही क्षेत्र की अन्य कॉलोनियों में भी जलभराव की बड़ी समस्या है।
खोड़ा में पाइप लाइन से जलापूर्ति पर मंथन
गाजियाबाद। खोड़ा नगर पालिका में जल आपूर्ति को लेकर तमाम दिक्कतें आ रही हैं। ट्यूबवेल बनाने के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। नगर पालिका स्तर पर जमीन को चिन्हित नहीं किया जा सकता। तहसील के रिकॉर्ड में भी कोई ऐसी सरकारी जमीन नहीं मिल रही है, जिस पर ट्यूबवेल बनाई जा सके। प्रशासन का कहना है कि खोड़ा में बड़ी आबादी है, जिसमें जल आपूर्ति के लिए काफी संख्या में ट्यूबवेल बनाने की आवश्यकता है, जिसके लिए जमीन भी काफी चाहिए। अब जमीन न मिल पाने के कारण प्रशासन पाइप लाइन से जल आपूर्ति की योजना पर काम कर रहा है।
डीएम राकेश कुमार सिंह का कहना है कि लंबे समय से नगर पालिका द्वारा जानकारी दी जा रही है कि ट्यूबवेल के लिए जमीन नहीं मिल रही है। इससे साफ है कि अब अन्य संभावनाएं तलाशनी पड़ेंगी। जल निगम को जिम्मेदारी दी गई कि वो स्थानीय स्तर पर नगर पालिका के साथ मिलकर सर्वे करें और बताएं कि पाइप लाइन के माध्यम से पानी की आपूर्ति किस हद तक संभव है और कितनी आबादी तक पानी की आपूर्ति की जा सकती है। रिपोर्ट आने पर उसी हिसाब से पानी की आपूर्ति को लेकर योजना बनाई जाएगी। जरूरत पड़ेगी तो शासन से भी बजट की मांग की जाएगी।


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