मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के उज्जैन क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत शक्कर खेड़ी गांव वालों की मूलभूत सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं दे रही है गांव वालों को श्मशान के लिए परेशान होना पड़ रहा है इतना ही नहीं अगर किसी की मौत हो जाती है तो शव को लेकर पड़ोस के गांव जलाने के लिए जाना पड़ रहा है। इसके बावजूद ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं उज्जैन। से महिदपुर रोड पर स्थित ग्राम राघवी से 3 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत शक्कर खेड़ी में कई प्रकार की मूलभूत सुविधाओं के लिए गांव वाले परेशान हो रहे हैं। इनमें से सबसे बड़ी परेशानी तो इस बात की है कि बरसात के दिनों में यदि किसी का देहांत हो जाता है, तो उसको कहां जलाया जाए। क्योंकि गांव में शमशान तो है, लेकिन वह पूरी तरह उखड़ चुका है। इतना ही नहीं शमशान तक जाने के लिए कीचड़ भरे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है कई सालों पहले बना शमशान शेड गिर गयाा ग्राम पंचायत शक्कर खेड़ी के पूर्व सरपंच सुभाष जोशी ने बताया कि मूलभूत की राशि से शमशान शेड बनाया गया था, जो तकरीबन दो-तीन वर्ष पहले हवा के चलते उखड़ गया। शमशान शेड एवं वहां तक आने-जाने के रास्ते को लेकर जब ग्राम पंचायत के सचिव विक्रम लाल बामनिया से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि मैंने इस संबंध में सरपंच साहब को अवगत करा दिया है एक सप्ताह में शमशान शेड की मरम्मत करवा दी जाएगी। आने-जाने के रास्ते की दुरुस्ती कर के भी प्रयास किए जाएंगे। इसी मामले को लेकर पूर्व सरपंच ने कहा कि गांव से मनरेगा के अंतर्गत कुछ दूरी तक सीमेंट कंक्रीट बनाया गया है, इसके आगे शमशान तक जाने के लिए उबड़-खाबड़ रास्ता हैं शव को लेकर जाना पड़ा दूसरे गांव बुधवार को ग्राम शक्कर खेड़ी में एक की मौत हो गई शमशान की परेशानी के कारण मरने वाले के शव को लेकर गांव वालों को दो से 3 किलोमीटर दूर पड़ोस के गांव जोड़ना वीरभान के श्मशान में लेकर जाना पड़ा। ग्राम के श्याम सिंह, रामेश्वर आंजना, लखन पटेल, अखिलेश राठौर एवं अन्य गांव वालों ने हमारे संवाददाता. नागु वर्मा से चर्चा में बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी गई है। यही कारण है कि सभी गांव वालों को शमशान तक के लिए परेशान होना पड़ रहा है। देखे कमल चौहान कि रिपोर्ट 151127612