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मुमकिन हो आपसे तो भुला दीजिये मुझे|
  • 151110697 - RANJAN SINGH 0



हर रोज़ शिकायत...

मुमकिन हो आपसे तो भुला दीजिये मुझे,
पत्थर पे हूँ लकीर, मिटा दीजिये मुझे,
हर रोज़ मुझसे ताज़ा शिकायत है आपको,
मैं क्या हूँ, एक बार बता दीजिये मुझे।

इश्क़ में कोई किसी का दिल तोड़ जाता है,
दोस्ती में कोई दोस्त का भरोसा तोड़ जाता है,
ज़िंदगी जीना तो कोई उस गुलाब से सीखे,
जो खुद टूटकर दो दिलों को जोड़ जाता है।


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