मथुरा : अब जूडो जिले में खेल की पहचान बनेगा। जूडो खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी, ताकि उनको राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाया जा सके। जिले के जूडो खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में मेडल जीते हैं। जूडो खिलाड़ियों के लिए स्टेडियम में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। एक जनपद एक खेल योजना के तहत जूडो को शामिल किया गया है।
भारतीय खेल प्राधिकरण ने खेलों को बढ़ावा देने को एक जनपद, एक खेल की योजना तैयार की है। योजना में जूडो खेल का प्रस्ताव भेजा गया था। यह प्रस्ताव स्वीकार हो गया है। अब खेल को बढ़ाव देने के लिए जिला स्तर पर कमेटी तैयार की जाएगी। जूडो के बेहतर कोच उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हो सकें। जिले के जूडो खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय पर भी पहचान बन चुकी है। जिले का खेल बनने के कारण जूडो के दिन बहुरेंगे। जिला खेलधिकारी एसपी बमनिया ने बताया कि जूडो को जिले का खेल चुना गया है। इस खेल के लिए जिला कमेटी तैयार की जाएगी और ढांचागत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। मिलना चाहिए मजबूत प्लेटफार्म
मथुरा : वर्ष 2018 में जयपुर में आयोजित जूनियर कामनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप में रजत पदक और वर्ष 2019 में इंग्लैंड में आयोजित जूनियर कामनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल विजेता सोहन सिंह कहते हैं कि खिलाड़ी को शुरू से ही मजबूत प्लेटफार्म मिलना चाहिए। शुरू से ही मिलनी चाहिए सभी सुविधाएं
वर्ष 2019 में इंग्लैंड में आयोजित जूनियर कामनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप में रजत पदक विजेता कृष्णा फौजदार कहती हैं कि छोटे स्तर पर ही खिलाड़ी को सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए। बेहतर कोच होने चाहिए जो खेल की बारीकियों से अवगत करा सकें। खिलाड़ियों को रहने के लिए हास्टल की व्यवस्था होनी चाहिए।