फ़िरोज़ाबाद: सोमवार को सदर ब्लाक में शपथ नहीं दिलाने पर सपा समर्थक 50 से अधिक क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) धरना पर बैठ गए। जानकारी होने पर सपा पदाधिकारी भी पहुंच गए। उन्होंने चार घंटे तक जमकर नारेबाजी की। डीएम के संज्ञान में मामला आने के बाद शाम चार बजे बीडीओ ने उन्हें शपथ दिलाई।
सोमवार को सदर ब्लाक में क्षेत्र पंचायत सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए बुलाया गया था। सपा प्रत्याशी रहे डा. इंद्रपाल सिंह गुर्जर सुबह नौ बजे 50 से अधिक बीडीसी के साथ ब्लाक कार्यालय पहुंचे। दोपहर 12 बजे ब्लाक प्रमुख लक्ष्मी नारायन यादव करीब एक दर्जन बीडीसी को शपथ दिलाने के बाद कार्यालय से चले गए। यह देखकर सभी बीडीसी ब्लाक परिसर में धरना पर बैठ गए। जानकारी होने पर सपा महानगर अध्यक्ष राजू जर्रार, खालिद नसीर, कमलेश यादव अन्य पदाधिकारियों के साथ मौके पर पहुंच गए। सभी लोग शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
दोपहर तीन बजे मामला डीएम तक पहुंच गया। उन्होंने एसडीएम सदर राजेश वर्मा को मौके पर भेजकर निस्तारण कराने को कहा। अधिकारी भी शपथ दिलाने में आनाकानी करने लगे, तो एक बार फिर नारेबाजी होने लगी। सीओ सिटी हरिमोहन सिंह पुलिस फोर्स के साथ पहुंच गए। मामला बिगड़ता देखकर आनन-फानन में शाम चार बजे बीडीओ प्रेमपाल ने सभी सदस्यों को शपथ दिलाई। इस दौरान हाशिम मंसूरी, हनीफ खाकसार, नौशाद सिद्दकी, जुबैर खान, मोहित शर्मा, दिलीप सिंह, उदयभान प्रजापति आदि पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे
एसडीएम की सपा कार्यकर्ताओं से हुई हाट-टाक
फीरोजाबाद: शाम चार बजे एसडीएम राजेश वर्मा बीडीओ कार्यालय से बाहर निकले। वह महिला बीडीसी से बात कर रहे थे। उसी दौरान उनकी सपा कार्यकर्ताओं से हाट टाक हो गई। इसका एक वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। सपा यूथ ब्रिगेड के जिलाध्यक्ष कमलेश यादव का आरोप है कि एसडीएम महिला सदस्यों से अभद्रतापूर्वक बात कर रहे थे। विरोध किया तो उनके साथ भी धक्कामुक्की की और वीडियो बनाने पर कार्यकर्ता को चांटा मारा। इस संबंध में एसडीएम का कहना है कि ब्लाक में बीडीसी सदस्यों के अलावा अन्य लोग भी मौजूद
थे। उनसे बाहर निकलने को कहा गया ता तो वह नहीं माने और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद पुलिस बुलानी पड़ी। अभद्रता और चांटा मारने की बात गलत है।
ब्लाक प्रमुख पांच-पांच के ग्रुप में बीडीसी सदस्यों को शपथ दिला रहे थे। अचानक किसी काम से उन्हें जाना पड़ा। इसके बाद बचे हुए सदस्यों को ऐसा लगा कि उनकी शपथ नहीं होगी। इसलिए उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। बाद में मैने सभी को शपथ दिलाई।