बिल्थरारोड (बलिया) : सावन के पहले सोमवार को कुशीनगर बगही कुटी के मठाधीश्वर विशंभर दास वैष्णव समुदाय के कई महंत के साथ दिन में साढ़े तीन बजे खैरा मठ पर पहुंच गए। इस पर महंत ब्रह्मचारी के शिष्य भरत दास उर्फ मौनी बाबा ने उभांव पुलिस से विवाद की आशंका जताई। मौके पर पुलिस पहुंच गई। साथ ही दस वाहनों के साथ पहुंचे दर्जनों साधु-संतों को अपने साथ थाना में ले आई। घंटों वार्ता के बाद सभी संत कुशीनगर और देवरिया लौट गए।
पुजारी भरत दास ने बताया कि कुशीनगर बगही कुटी के मठाधीश्वर विशंभर दास को भंडारा के बहाने कुछ संत लेकर आए थे। वे बभनौली गोपालगंज बिहार के महंत दिनेश त्यागी को खैरा मठ का महंत बनाने और भंडारा करने के उद्देश्य से आए थे। कुशीनगर के कई महंत ने बताया कि महंत दिनेश त्यागी ने स्वयं को खैरा मठ का महंत बताया था। उन्होंने तीन दिन पूर्व ही प्रशासन से खैरा मठ पर श्री राम जानकी जी की पूजा पाठ और भंडारा कराने की अनुमति मांगी थी, लेकिन इजाजत नहीं मिली। इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर मिश्र ने बताया कि यहां पहले से ही महंत को लेकर विवाद है। यहां कोई आयोजन की अनुमति नहीं थी, इसलिए साधु संतों को वापस भेज दिया गया है।