EPaper LogIn
एक बार क्लिक कर पोर्टल को Subscribe करें खबर पढ़े या अपलोड करें हर खबर पर इनकम पाये।

बायस-ए-रश्क़ है तन्हा रवी-ए-रहरौ-ए-शौक़ हमसफ़र कोई नहीं दूरी-ए-मंज़िल के सिवा
  • 151145527 - PRAMOD KUMAR YADAV 0 0
    26 Jul 2021 17:15 PM



काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा

काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा
रास्ते बंद हैं सब कूचा-ए-क़ातिल के सिवा

बायस-ए-रश्क़ है तन्हा रवी-ए-रहरौ-ए-शौक़
हमसफ़र कोई नहीं दूरी-ए-मंज़िल के सिवा

हम ने दुनिया की हर इक शै से उठाया दिल को
लेकिन इक शोख के हंगामा-ए-महफ़िल के सिवा

तेग़ मुन्सिफ़ हो जहाँ दार-ओ-रसन हों शाहिद
बेगुनाह कौन है उस शहर मे क़ातिल के सिवा

ज़ाने किस रंग से आई है गुलशन में बहार
कोई नग़मा ही नही शोर-ए-सिलासिल के सिवा

उर्दू से लिप्यंतर : लीना नियाज



Subscriber

187941

No. of Visitors

FastMail