राजस्थान में मीडिया से बातचीत में शेखावत ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदारों के आरएएस चयनित होने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। डोटासरा के नाम लिए बगैर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरएएस परीक्षा का परिणाम आने के बाद संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादाओं पर प्रश्नचिह्न नहीं खड़े किए जाने चाहिए, लेकिन आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि जितनी स्वच्छता और सुचिता होनी चाहिए, शायद उसमें कहीं न कहीं समझौता हुआ है, वरना यह संभव नहीं था कि एक से 16 नंबर तक जो रैंक में आए हैं, उनमें किसी को भी 80 नंबर इंटरव्यू में नहीं मिले, जबकि ऐसे लोग, जिनके लिखित परीक्षा में 50 प्रतिशत से कम मिले, उनको इंटरव्यू में 80 प्रतिशत अंक मिले। शेखावत ने कहा कि इससे संदेह की सुइयां आरपीएससी और राज्य सरकार पर तरफ घूमती हैं। जैसे मीडिया से जानकारी प्राप्त हुई, जिस तरह से अवैधानिक तरीके से ओबीसी के प्रमाण-पत्र बनाए गए, इसकी जांच भी होनी चाहिए, ताकि योग्य युवाओं, जो वास्तव में हकदार हैं, जिनको वास्तव में आवश्यकता है, उनके साथ न्याय हो। देखे राजस्थान से जयलाल नागर की रिपोर्ट 9982499848