खबर उत्तराखंड के जिला उधम सिंह नगर से है! सरकारी सिस्टम की सुस्ती को दूर करने के लिए अफसरों को लगातार किसी भी स्तर पर फाइल न रोकने एवं प्रकरणों को लंबित न रखने के निर्देश दिए जा रहे हैं। वहीं विभागों पर इसका कितना असर हो रहा है यह शिक्षा विभाग में अविवाहित शिक्षिका विजय लक्ष्मी सैनी के मामले में देखा जा सकता है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के गृह जिले में कार्यरत इस शिक्षिका ने इसी साल जनवरी में बच्चे को गोद लेने के बाद बाल दत्तक ग्रहण अवकाश के लिए आवेदन किया था, लेकिन विभाग पांच महीने बाद भी यह तय नहीं कर पाया है कि शिक्षिका को छुट्टी दी जाए या नहीं। प्रदेश में महिला सरकारी सेवकों को जिनकी दो से कम जीवित संतानें हों एवं जिनके द्वारा एक वर्ष की आयु तक के शिशु को गोद लिया गया हो, उनको पूरे सेवाकाल में एक बार अधिकतम 180 दिन के बाल दत्तक ग्रहण अवकाश दिए जाने की व्यवस्था है। 10 अक्तूबर 2017 के शासनादेश में इसे स्पष्ट किया गया है। इसके बावजूद राजकीय इंटर कॉलेज बांसखेडा काशीपुर जिला ऊधमसिंह नगर में भौतिक विज्ञान की लेक्चरर विजय लक्ष्मी सैनी अवकाश के लिए खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से लेकर शिक्षा निदेशालय के चक्कर काट रही है।
पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत 20 दिन के बच्चे को गोद लेने वाली इस शिक्षिका ने 18 जनवरी से 16 जुलाई तक छुट्टी के लिए आवेदन किया। शिक्षिका पांच महीने बाद स्कूल में पदभार ग्रहण कर चुकी हैं, लेकिन विभाग यह तय नहीं कर पाया है कि उसकी छुट्टी मंजूर की जाए या नहीं। यह हाल तब है जबकि इस मामले में 23 जनवरी को शिक्षा निदेशालय की ओर से मुख्य शिक्षा अधिकारी ऊधमसिंह नगर को आदेश जारी किया गया कि महिला सरकारी सेवकों के लिए बाल दत्तक ग्रहण अवकाश की व्यवस्था की गई है। प्रकरण को जल्द हल किया जाए। शासनादेश केवल विवाहित महिलाओं पर लागू होता है शिक्षा निदेशालय के आदेश पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ऊधमसिंह नगर की ओर से आठ मार्च 2021 को शिक्षा निदेशालय को अवगत कराया गया कि बाल दत्तक ग्रहण अवकाश के शासनादेश को देखने से ऐसा लग रहा है कि यह शासनादेश केवल विवाहित महिलाओं पर लागू होता है। अविवाहित महिलाओं पर नहीं। शासनादेश में अविवाहित महिलाओं के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं लिखा गया है।
इस मामले को शासन को भेजा जाए एवं कोई स्पष्ट दिशा निर्देश दिए जाएं कि शिक्षिका की छुुट्टी मंजूर की जानी है या नहीं। सीईओ के इस पत्र के बाद शिक्षा निदेशालय की ओर से 23 जून 2021 को सीईओ ऊधमसिंह नगर को एक बार फिर से आदेश जारी करते हुए निदेशालय ने नाराजगी जताई और कहा कि शासन की ओर से दी गई व्यवस्था के बावजूद प्रकरण को हल नहीं किया गया है। फिर से निर्देशित किया जाता है कि प्रकरण का हल कर इससे शिक्षा निदेशालय को अवगत कराया जाए। हैरानी की बात यह है कि विभाग में पांच महीने चली इस लंबी प्रक्रिया के बावजूद विभाग के अधिकारी कुछ तय नहीं कर पाए। इस बीच इतना जरूर हुआ कि खंड शिक्षा अधिकारी काशीपुर की ओर से स्कूल प्रिंसिपल को निर्देश जारी कर शिक्षिका का यह कहते हुए वेतन रोक दिया गया कि उन्हें छुट्टी दी जाए या नहीं यह प्रकरण अभी शासन स्तर पर लंबित है।
शिक्षिका विजय लक्ष्मी सैनी का कहना है कि विभाग यह तय नहीं कर पाया है कि मुझे छुट्टी दी जाए या नहीं। यदि किसी वजह से छुट्टी नहीं दी जा सकती तो विभागीय अधिकारियों को लिखित में देना चाहिए कि इस वजह से छुट्टी नहीं दी जा सकती, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। न तो छुट्टी मंजूर की जा रही है न ही उसे अस्वीकृत किया जा रहा है। विनय शंकर पांडे शिक्षा महानिदेशक ने कहा की यह प्रकरण मेरे पास नहीं आया है यदि इस संबंध में मुझे कोई प्रार्थना पत्र मिला तो उस पर तुरंत निर्णय लिया जाएगा। वही रमेश चंद्र आर्य, सीईओ ऊधमसिंह नगर न्र कहा मैंने इस मामले में शिक्षा निदेशालय से पूछा था, लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया है, मैं मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में हूं। फास्ट न्यूज़ इंडिया जिला ब्यूरो उधम सिंह नगर शाहनूर अली 151045804