एक बार क्लिक कर पोर्टल को Subscribe करें खबर पढ़े या अपलोड करें हर खबर पर इनकम पाये।
आयुष्मान योजना बनी संजीवनी, 11.38 करोड़ खर्च
- 151108554 - SUNIL KUMAR SHARMA
0
0
11 Jul 2021 22:31 PM
बलिया : आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सरकार की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना है। इसमें शामिल जनपद के 7879 लाभार्थियों ने उपचार कराया है। अब तक कुल 11.38 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व आयुष्मान भारत के नोडल अधिकारी डा. हरिनंदन प्रसाद ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य जनपद के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा देना है। योजना के तहत सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 की सूची के अनुसार केंद्र सरकार से पात्र लाभार्थियों का चयन किया गया है। इसके तहत जिले के राजकीय और निजी अस्पतालों में 3520 कार्डधरकों ने 4.83 करोड़ रुपये का निश्शुल्क इलाज का लाभ लिया है, वहीं 4320 कार्डधारकों ने जनपद से बाहर 6.55 करोड़ रुपये का निश्शुल्क इलाज लाभ प्राप्त किया। -केस एक--प्राइवेट अस्पताल में कराया इलाज
बेलहरी ब्लाक के ग्राम रुद्रपुर की रंजू देवी पत्नी ज्ञान प्रकाश यादव को हेपेटाइटिस बी पाजिटिव होने से डिलीवरी में समस्या आ रही थी। उनकी आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। उन्हें पता चला कि आयुष्मान कार्ड के जरिये इसका निश्शुल्क इलाज करवाया जा सकता है। उन्होंने आयुष्मान कार्ड बनवाया। इसके जरिये एक बड़े प्राइवेट अस्पताल में निश्शुल्क डिलीवरी हुई और उनको पुत्र पैदा हुआ। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं और प्रधानमंत्री की इस योजना को धन्यवाद देती हैं। --केस दो-हड्डी रोग का कराया उपचार
बैरिया की राज कुमारी देवी को हड्डी रोग की समस्या थी। इसका जल्द इलाज नहीं होता तो गंभीर परिणाम हो सकते थे। इलाज के लिए निजी क्षेत्र के अस्पताल में इसका खर्च लगभग 35000 रुपये था लेकिन आयुष्मान कार्ड के माध्यम से बड़े प्राइवेट अस्पताल में आपरेशन सहित अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं निश्शुल्क प्राप्त हुईं। -बलिया में 2.21लाख लाभार्थी पंजीकृत
आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डा. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जिले में इस योजना के तहत 2.21 लाख लाभार्थी पंजीकृत हैं। इसमें जिला अस्पताल में 162, राजकीय महिला अस्पताल में 56, दुबहर सीएचसी पर छह, सोनवानी सीएचसी पर छह, खेजुरी सीएचसी पर एक मरीज ने आयुष्मान कार्ड के माध्यम से निश्शुल्क इलाज का लाभ लिया। इसके अलावा निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों में लोगों ने उपचार कराया।