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पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर सात लाख की ठगी व फर्जी नियुक्ति कराने वाला पुलिस हिरासत में
  • 151050061 - INDAR PARMAR 0



फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया प्रदेश संवाददाता मध्य प्रदेश इंदर परमार 151050061 मध्य प्रदेश के उज्जैन युवती को पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर सात लाख की ठगी करने व फर्जी नियुक्ति पत्र देने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जिला पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा प्रकरण में तत्काल प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए जिस के पालन में अति पुलिस अधीक्षक डॉ रविंद्र वर्मा व अनुविभागीय अधिकारी अरविंद सिंह के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते थाना प्रभारी मनीष मिश्रा वह पूरी टीम ने आरक्षक भर्ती की परीक्षा दे चुकी छात्रा का सिलेक्शन नहीं होने पर एक युवक ने उससे संपर्क किया और कहा कि तुम स्पोर्ट्स कोटे से हो वह उसकी पुलिस में नौकरी लगवा देगा। युवक शातिर बदमाश था। उसने छात्रा से रुपयों की मांग शुरू कर दी। डेढ़ लाख रुपए लेने के बाद उसने छात्रा को वर्दी भी दिला दी। वहीं ज्वॉइनिंग लेटर भी दे दिया। पुलिस ने शातिर बदमाश को हिरासत में ले लिया पूछताछ जारी है टीआई मनीष मिश्रा ने बताया कि थाना क्षेत्र की रहने वाली पायल पिता महादेव ने बुधवार को शिकायत दर्ज कराई थी कि पुलिस में नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवक ने उससे 7 लाख रुपए ले लिए हैं। उसने वर्दी भी दिलाई थी और तीन स्थानों के ज्वॉइंनिंग लेटर भी दिए थे। लेकिन ज्वॉइनिंग के लिए हमेशा मना कर रहा था। अब उसने संपर्क करना भी बंद कर दिया है। पुलिस विभाग में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद पायल की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया और उज्जैन के डाबरी पीठा में रहने वाले किशोर पिता भोलाराम माली को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया। किशोर का रिकार्ड खंगाला गया तो सामने आया कि कुछ साल पहले वह कोतवाली थाने में फर्जी आबकारी अधिकारी बनकर लोगों को ठगने के मामले में पकड़ा जा चुका है। टीआई मिश्रा के अनुसार शातिर बदमाश से पूछताछ की जा रही है जिसे न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा टीआई के अनुसार पायल ने 2017 में महिला आरक्षक भर्ती परीक्षा दी थी। उस दौरान किशोर उसे परीक्षा केन्द्र के बाहर मिला था और जाति, समाज का परिचय देकर पहचान कर ली थी। जब पायल का परीक्षा में सिलेक्शन नहीं हुआ तो किशोर ने उसे स्पोर्ट्स कोटे में पुलिस की नौकरी दिलाने का झांसा दिया और कुछ दिन बाद फार्म भरने के साथ टेक्स के नाम पर 30 हजार रुपए ले लिए। उसके बाद 65 हजार रुपए लिए और कुछ दिन बाद नौकरी लगने की बात कही। उसने थोड़े दिन बाद 1 लाख रुपए की मांग की। पायल के परिजनों ने 1 लाख रुपए भी दे दिए। उसके बाद किशोर ने सागर में नौकरी लगने की बात कहते हुए ज्वॉइनिंग लेटर थमा दिया। जहां दो दिन में पहुंचने की बात कही। पायल दो दिन में तैयारी नहीं कर पाई। जिसके चलते उसने कहा कि तुम्हारा आदेश निरस्त हो गया है। दूसरी जगह का लेटर जारी होगा। इस बीच कोरोना संक्रमण शुरू हो गया। पिछले वर्ष अनलॉक के बाद उसने इंदौर का ज्वॉइनिंग लेटर थमा दिया। पायल जाने की तैयारी करने लगी। तभी उसने कहा कि आदेश निरस्त हो गया है। तुम्हें धार जाना होगा। उसने धार का ज्वॉइनिंग लेटर थमाया। इस बीच दोबारा से कोरोना संक्रमण फैलने पर लॉकडाउन लग गया। धार का आदेश निरस्त होना बताकर कोरोना काल के बाद नौकरी का झांसा देने लगा। जून में शुरू हुई अनलॉक प्रक्रिया के बाद से वह झांसेबाजी कर रहा था। कुछ दिन से उसने संपर्क करना बंद कर दिया था। वह करीब 7 लाख रुपए धोखे से ले चुका है। बताया जा रहा है कि पायल ने ग्रेज्युएशन किया है और परीक्षा में सिलेक्शन नहीं होने के बाद भी स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी मिलना सामने आने पर परिवार काफी खुश हो गया था। पायल के पिता बिजली के ठेके लेने का काम करते हैं। जब किशोर ने उनकी बेटी को ज्वॉइनिंग लेटर और वर्दी थमाई थी उस दौरान परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं था। लेकिन जब खुद को ठगा महसूस किया तो उनके अरमान मिट्टी में मिल गए हैं। आरोपी के विरुद्ध धारा 420 467 468 471 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया उक्त कार्रवाई थाना प्रभारी मनीष मिश्रा उप निरीक्षक सुरेंद्र गरवाल सहा.उप निरीक्षक दिनेश निनामा सहा.उप निरीक्षक मानसिंह वास्कले प्र.आर मुकेश मीणा आरक्षक महेश आरक्षक नितेश राय की सराहनीय भूमिका रही

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