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अब राशन के हर दाने पर होगा आपका अधिकार, केंद्र ने खाद्य सुरक्षा कानून के नियमों में किया बड़ा बदलाव!
- 151045804 - SHAHANOOR ALI
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23 Jun 2021 23:39 PM
फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया जिला संवाददाता उधमसिंह नगर शाहनूर अली 151045804
केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून (Food Safety Act) के तहत लोगों को पूरी मात्रा में राशन (Ration) उपलब्ध कराने के लिए ठोस कदम उठाया है. दरअसल, केंद्र ने राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (EPOS) उपकरणों को इलेक्ट्रॉनिक तराजू (Electronic Scales) के साथ जोड़ने को बढ़ावा देने के लिए खाद्य सुरक्षा कानून नियमों में संशोधन (Amended Rules) कर दिया है. सरकार ने लाभार्थियों के लिए खाद्यान्न तोलते समय राशन की दुकानों में पारदर्शिता बढ़ाने और लाभार्थियों का नुकसान रोकने के लिए यह कदम उठाया है!
खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग ने जारी की अधिसूचना
केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत देश के करीब 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 2 रुपये प्रति किग्रा की दर पर 5 किग्रा गेहूं और 3 रुपये की दर पर चावल उपलब्ध करा रही है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग ने एनएफएसए 2013 के तहत लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार सब्सिडी वाले खाद्यान्न का वितरण सही मात्रा में सुनिश्चित करने के लिए 18 जून 2021 को अधिसूचना जारी की है. सरकार ने कहा है कि ईपीओएस उपकरणों को सही तरीके से संचालित करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने और 17.00 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त मुनाफे से बचत को बढ़ावा देने के लिए खाद्य सुरक्षा (राज्य सरकार की सहायता नियमावली) 2015 के उप-नियम (2) के नियम-7 में संशोधन किया है!
सरकार ने नियम-7 को 18 जून 2021 से संशोधित किया है, ताकि किसी भी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की ओर से लागत के लिए दिए गए अतिरिक्त मुनाफे से भी बचत हासिल की जा सके. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्वाइंट ऑफ सेल डिवाइस की खरीद, संचालन और रखरखाव की लागत के लिए दिए गए एडिशनल मार्जिन से किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश की ओर से कोई भी बचत होती है तो इसे इलेक्ट्रॉनिक तौल तराजू की खरीद, संचालन व रखरखाव के साथ दोनों के एकीकरण के लिए उपयोग में लाया जा सकता है. सरकार ने कहा कि यह संशोधन एनएफएसए के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के संचालन की पारदर्शिता में सुधार के जरिये अधिनियम की धारा-12 के तहत परिकल्पित सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के प्रयास के तौर पर किया गया है!