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गदरपुर में व्यापारियों ने थाना घेरा थानाध्यक्ष से हुई तीखी नोकझोंक!
  • 151045804 - SHAHANOOR ALI 0 0
    11 Jun 2021 23:02 PM



फास्ट न्यूज़ इंडिया जिला संवाददाता उधम सिंह नगर शाहनूर अली 151045804 खबर उत्तराखंड के जिला उधम सिंह नगर गदरपुर से है! दुकान के स्थानान्तरण के नाम पर पालिकाध्यक्ष एवं ईओं द्वारा 09 लाख रुपये पारितोषण (सुविधा शुल्क) की मांग किये जाने का आरोप लगाते हुए दुकान स्वामियों द्वारा पालिकाध्यक्ष एवं ईओं के खिलाफ एक सप्ताह पूर्व थाने में तहरीर देते के बाद मामला दर्ज न किये जाने को लेकर व्यापारियों को गुस्सा फूट गया और सैकड़ों की संख्या में व्यापारी थाने पहुंचे और थानाध्यक्ष से मामला दर्ज करने को कहा। थानाध्यक्ष द्वारा मामला दर्ज करने के लिए उच्चाधिकारियों से जब वार्ता करने की बात कही तो इसको लेकर व्यापारी नेताओं की थानाध्यक्ष से काफी तीखी नोकझोक हुई। बाद में कुछ समय मांगने पर व्यापारी थाने दरी बिछाकर धरने पर बैठ गये। व्यापारियों के बढ़ते आक्रोष को देखते हुए अपर पुलिस अधीक्षक सीओ एवं जनपद के विभिन्न थानों की पुलिस फोर्स पहुंची। पुलिस ने व्यापारियों की भीड़ को थाने से खदेड़ा और प्रतिनिधि के रुप में पांच लोगो वार्ता करने के लिए बुलाया गया। वार्ता के दौरान एएसपी द्वारा कार्यवाही के लिए चार दिन का समय मांगा गया और जांच के बाद ही मामला दर्ज करने की बात कही गयी। जिस पर व्यापारी शांत हुए। यहां बता दें कि चन्द्रकांता पत्नी विरेन्द्र मुंजाल, सुमन बाला पत्नी इन्द्रजी कुलवंत नगर, शमीमा परवीन पत्नी जरीफ वार्ड नंबर 6 गदरपुर द्वारा तीन जून को थाने में तहरीर दी गयी थी। जिसमें कहा गया था कि प्रार्थिनी की दुकान 1625 वर्ग फिट मुख्य बाजार में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित हैं। प्रार्थीगण द्वारा उक्त दुकानों को जरिये पंजीकृत बैनामा वर्ष 2019 में की गयी थी जिसका बैनामा 16 अप्रैल 2019 को सब रजिस्टार बाजपुर में दर्ज हुआ था। प्रार्थीगण द्वारा दो वर्ष पूूर्व उक्त दुकानों के नामान्तरण हेतु नगरपालिका परिषद में आवेदन किया गया था। तहरीर में आरोप लगाया गया कि इस संबंध में चैयरमैन व अधिशासी अधिकारी द्वारा 9 लाख रुपये अवैध पारितोषण (सुविधा शुल्क) की मांग की जा रही थी। अवैध पारितोषण न दिये जाने के कारण पालिका द्वारा दुकानों का नामान्तरण नहीं किया गया जिसकी पत्रावली कार्यालय में लम्बित पड़ी है। प्रार्थीगणों का आरोप है कि जब उनके द्वारा जर्जर हालत में पड़ी दुकानों को तोड़कर उसका जीर्णोधार करवाने की प्रक्रिया शुरु की गयी तो उनके द्वारा निर्माण कार्य भी रुकवा दिया है। प्रार्थीगणों द्वारा अन्याय होते देख उच्चाधिकारियों को भी अवगत करवाया गया और नगर के व्यापार मंडल सहित समस्त संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों को भी अवगत करवाया कि थानाध्यक्ष द्वारा किसी दबाव में आकर चैयरमैन व ईओ के खिलाफ तहरीर देने के बाद भी मामला दर्ज नहीं किया। जिससे व्यापारियों का गुस्सा फूट गया और व्यापार मंडल अध्यक्ष एवं नगर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धार्थ भुसरी, वरिष्ठ भाजपा नेता रविन्द्र बजाज, व्यापार मंडल अध्यक्ष दीपक बेहड़ सहित काफी संख्या में व्यापारी थाने पहुंचे। व्यापारी नेताओं द्वारा जब थानाध्यक्ष सतीश कापड़ी से कहा गया कि एक सप्ताह के बाद भी उक्त के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया। इस पर जब थानाध्यक्ष द्वारा कहा गया कि अधिकारियों से वार्ता करके बताते है इतना कहते ही नगर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धार्थ भुसरी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता रविन्द्र बजाज से काफी तीखी नौकझोक हुई। इनका स्पष्ट कहना था कि गदरपुर थाना आप चला रहे है या किसी के इशारे पर चल रहा है किसी से पूछने की क्या जरुरत है। वहीं सभासद परमजीत सिंह पम्मा ने भी पुलिस की कार्य प्रणाली पर कई सवाल उठाते हुए कहा कि उनके द्वारा भी पालिकाध्यक्ष के खिलाफ कई लिखित शिकायते की थी लेकिन अभी तक उसकी भी जांच पूरी नहीं हो पायी। परमजीत पम्मा ने यहां तक कह दिया कि जब मैं मर जाउंगा तक मुझे न्याय मिलेगा। इसके बाद थानाध्यक्ष ने कुछ समय मांगा और घटना की जानकारी पुलिस के आला अफसरों को दी। व्यापारी थाने में दरी बिछाकर धरने पर बैठ गये और पुलिस प्रशासन एवं पालिकाध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। घटना के करीब एक घंटे पर अपर पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार, सीओ बाजपुर वंदना वर्मा सहित जनपद के विभिन्न थानों दिनेशपुर थानाध्यक्ष अशोक कुमार,बाजपुर इंस्पेक्टर संजय कुमार पांडेय, एसएसआई जसविन्दर सिंह, केलाखेड़ा एसओ भूवन जोशी सहित काफी संख्या में पुलिस बल थाने पहुंचा। जिससे गदरपुर थाना पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। अपर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस ने थाने में भीड़ को तितर-वितर किया और वार्ता के लिए पांच लोगों को बुलाया गया। जिसमें. रविन्द्र बजाज, सिद्धार्थ भुसरी, एडवोकेट आरपी सिंह, एडवोकेट संतोष गुप्ता, व्यापार मंडल अध्यक्ष दीपक बेहड़ आदि। वार्ता के दौरान व्यापारियों ने कहा कि एक सप्ताह के बाद भी रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं की गयी। थानाध्यक्ष द्वारा रिपोर्ट दर्ज करने में आना कानी की गयी। थानाध्यक्ष की कार्यप्रणाली को लेकर रोष उभरा। वहीं एसएसपी ने व्यापारियों से चार दिन का समय मांगा और जांच के बाद ही मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया। जिस पर व्यापारी सहमत हो गये। इस मौके पर तहसीलदार देवेंद्र सिंह बिष्ट पटवारी दीपक महल, पंजाबी महासभा अध्यक्ष कृष्ण लाल सुधा, महामंत्री संजीव झाम, कोषाध्यक्ष कृष्ण लाल अनेजा, व्यापार मंडल महामंत्री संदीप चावला, कोषाध्यक्ष राहुल अनेजा, सभासद मनोज गूम्बर, पारस धवन, रवीश देवा, चिराग मुरादिया एसपी सिंह, अनिल गगनेजा, विमल गगनेजा, अंकित मुंजाल, अकाश कोचर, सुरेश खुराना, विनोद फौगाट, लवेश ग्रोवर, डा. आरके महाजन मनोज रघुवंशी, अजय गाबा, मोहम्मद आलम, दीपक जैन विकास, नवीन खेड़ा, राजकुमार खेड़ा, सक्षम ग्रोवर सहित काफी संख्या में व्यापारी मौजूद थे।


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