निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने शुरू की हड़ताल
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विष्णु गुप्ता ब्यूरो चीफ
कानपुर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के बैनर तले निजीकरण के विरोध आज सरकारी बैंकों की देश व्यापी हड़ताल जोरदार तरीके से हुई।अधिकारी और कर्मचारी संगठनों ने आज बैंक ऑफ इंडिया के आंचलिक कार्यालय किदवई नगर में जोरदार प्रदर्शन किया। सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में दो सरकारी बैंकों का निजीकरण कर के की घोषणा की गई थी किंतु बैंको के नाम की घोषणा नही की गई थी। उसी के विरोध में आज सरकारी बैंक कर्मियों ने 15 एवं 16 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की। और आज उसी के पहले दिन बैंककर्मियों ने सरकार को खुली चेतावनी दी कि बैंको का निजीकरण का फैसला सरकार को तुरंत वापस लेना होगा।
पूर्व आंचलिक मंत्री मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि सरकारी बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इनको बेचने का फैसला आत्मघाती एवं गरीब जनता के प्रतिकूल है। आंचलिक मंत्री राणा प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार जिस निजीकरण के एजेंडे पे चल रही है वह देश हित मे नही है। बैंको के माध्यम से सरकार की तमाम योजनाएं पूर्व में सफल रही है और वाले दिनों में अनिश्चित कालीन हड़ताल भी प्रस्तावित है। सभा को धर्मेंद्र द्विवेदी और NCBE के नेता अनिल सिंह ने भी संबोधित किया और बताया कि हड़ताल को 84 ट्रेड यूनियंस का समर्थन प्राप्त है।
हड़ताल में ललित शुक्ल, सौरभ पांडेय,रोहित वर्मा, सर्वेश सिंह, अंकुर कटियार, अभिनव मिश्र, आज़ाद सिंह,मनीष आनंद, अनुराग सिंह , सौरभ सिंह, एवं महिला बैंकर शालिनी अवस्थी, प्रेरणा सिंह, अनु भदौरिया, निधि शुक्ल आदि बड़ी संख्या में बैंककर्मी मौजूद रहे।