बच्चों के गले में सिक्का फंसने पर निकालना हो
- 151113047 - JAYLAL NAGAR
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राजस्थान के जयपुर जिले के अंतर्गत गले में सुपारी, सिक्का जैसी फोरेन बॉडी अंदर चले जाने पर निकालना आसान होगा। डिवाइस से यह पता चलता रहेगा कि ऑक्सीजन पाइप, सांस की नली के बजाय भोजन की नली में तो नहीं जा रही।
गंभीर मरीजों के इलाज के दौरान या आईसीयू में शिफ्ट करते मरीज के गले में ऑक्सीजन पाइप डाली जाती है। इस पाइप के सांस की नली के बजाय खाने की नली में जाने का अंदेशा रहने से इलाज के दौरान डॉक्टरों को परेशानी होती है और मरीज की जान पर भी खतरा रहता है।
इसलिए खास है ‘वीडियो लेरिंगोस्कोप’
एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ.राजेश शर्मा का कहना है कि वीडियो लेरिंगोस्कोप के उपरी सिरे पर एक कैमरा तथा प्रकाश के लिए एक लैंप लगा होता है। कैमरे व लैम्प के जरिए शरीर के अंदर की फोटो मिल सकती है। इसे कंप्यूटर, लेपटॉप टेबलेट, स्मार्ट फोन से भी जोड़ा जा सकता है।
वीडियो व फोटो का प्रयोग टेलीमेडिसन और रिकार्डिंग में भी कर सकते है। अभी डॉक्टर के पास यह नली डालते वक्त स्टूडेंट्स को नली के भीतर की मूवमेंट समझाने का कोई विकल्प नहीं था। इस डिवाइस के जरिये भीतर का पूरा हाल और नली का मूवमेंट मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रीन पर दिखता रहेगा।
देखे राजस्थान से जयलाल नागर की रिपोर्ट 151113047 -