मोदी सरकार ने तीन एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपा
- 151109870 - RAJ KUMAR VERMA
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुवाहाटी, जयपुर और तिरुवनंतपुरम् हवाई अड्डों का परिचालन अडाणी समूह को सौंपने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद बताया कि जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम् हवाई अड्डों का परिचालन निजी कंपनियों को सौंपने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इससे नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीनस्थ कंपनी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को एकमुश्त 1,070 करोड़ रुपए की आमदनी होगी। साथ ही यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में भी सुधार होगा।
जावड़ेकर ने बताया कि सार्वजनिक जन भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर लीज पर इन हवाई अड्डों का संचालन, प्रबंधन, रखरखाव और विकास आदि का अधिकार अडाणी समूह को सौंपा जाएगा।
यह लीज 50 साल के लिए होगा। अभी इन तीनों हवाई अड्डों का परिचालन एएआई के पास है। लखनऊ, अहमदाबाद और मेंगलूरु हवाई अड्डों के साथ जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम् हवाई अड्डों को लीज पर देने के लिए दिसंबर, 2018 में प्रस्ताव अनुरोध जारी किए गए थे। फरवरी 2019 में अडाणी समूह को इनका आवंटन किया गया था। इनमें लखनऊ, अहमदाबाद और मेंगलूरु हवाई अड्डों के लिए अडाणी समूह के साथ एएआई ने रियायत समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
कानूनी पेंच के कारण जयपुर, तिरुवनंतपुरम् और गुवाहाटी हवाई अड्डों का प्रबंधन नहीं सौंपा जा सका था। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब इन तीनों हवाई अड्डों को भी अडाणी समूह को सौंपने का रास्ता साफ हो गया है। जयपुर हवाई अड्डे के निजीकरण में राज्य सरकार की आपत्तियों को भी दरकिनार किया है। बीते साल निजीकरण की बात सामने आने पर राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा था। निजीकरण से पहले राज्य सरकार की मंजूरी नहीं लेना भी सवाल खड़े करता है। अब भी राज्य सरकार चाहे तो केंद्र सरकार से इस बाबत हस्तक्षेप कर सकती है। एयरपोर्ट निदेशक सहित आलाधिकारियों से जब हमारे संवाददाता ने बात करना चाही तो उन्होंने इस फैसले पर कोई राय नहीं दी। बल्कि बदलाव के साथ कार्य करने पर सहमति जताई।
पूरे परिसर संचालन पूरी तरह से निजी कंपनी के हाथों में रहेगा। परिसर के अंदर सभी दुकाने, पार्किंग, कैंटीन सहित अन्य सुविधाओं का संचालन निजी कंपनी करेगी। इससे हर तरह के शुल्क में बढ़ोतरी होना संभव है। हालांकि सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ ही संभालेगी। इसके साथ ही यहां कार्यरत कर्मचारियों की अदला बदली होना भी अब तय मानी जा रही है। ऑपरेशन, मैनेजमेंट और डवलपमेंट अब इस कंपनी के हवाले होगा। इसके साथ ही एयरपोर्ट चलाने में होने वाले नुकसान में कमी आएगी। वर्तमान समय में देश में एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इंडिया के पास अभी भी 100 से ज्यादा एयरपोर्ट हैं। 90 से ज्यादा एयरपोर्ट घाटे में चल रहे हैं।
जयपुर इंटरनेशलन एयरपोर्ट से मार्च तक रोजाना 70 से ज्यादा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानों का संचालन यहां से होता था। मई में लॉकडाउन खुलने के बाद एयरपोर्ट से रोजाना 24 विमानों के उडऩे का शेडयूल तय किया गया। हालांकि कम यात्रीभार के चलते वर्तमान समय में बीते कई दिनों से 18 के आस-पास ही विमानों का संचालन यहां से हो पा रहा है। अंतराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन फि लहाल बंद है। इसके अलावा जयपुर एयरपोर्ट से हर सात दिन में तीन से चार चार्टर विमानों के जाने का सिलसिला जारी है।