नागरिकता संशोधन बिल पेश होने के पक्ष में 293, विपक्ष में पड़े 82 वोट
- 151017631 - RAMSURAT RAJBHAR
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लोकसभा (Lok Sabha) में भारी विरोध और देशभर में चल रहे प्रदर्शन के बीच गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार की दोपहर नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पेश कर दिया। इस विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में नागरिक संशोधन बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि देश के अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए लाया गया विधेयक है। जबकि, अमित शाह ने कहा कि यह बिल .001 फीसदी भी देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। जबकि, दूसरी तरफ नागरिक संशोधन बिल पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव ने कहा- हम नागरिक संशोधन बिल के खिलाफ हैं और पार्टी हर कीमत पर इसका विरोध करेगी।
इस विधेयक के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं और काफी संख्या में लोग तथा संगठन विधेयक का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे असम समझौता 1985 के प्रावधान निरस्त हो जाएंगे जिसमें बिना धार्मिक भेदभाव के अवैध शरणार्थियों को वापस भेजे जाने की अंतिम तिथि 24 मार्च 1971 तय है। प्रभावशाली पूर्वोत्तर छात्र संगठन (नेसो) ने क्षेत्र में दस दिसम्बर को 11 घंटे के बंद का आह्वान किया है।
नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। यह विधेयक 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का चुनावी वादा था। भाजपा नीत राजग सरकार ने अपने पूर्ववर्ती कार्यकाल में इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था और वहां पारित करा लिया था। लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में प्रदर्शन की आशंका से उसने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया। पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक की मियाद भी खत्म हो गयी।
लोकसभा में नागरिक संशोधन बिल पेश करने को लेकर वोटिंग कराई गई। इसके पक्ष में 293 वोट पड़े जबकि इसके खिलाफ 82 वोट पड़े।
अमित शाह ने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दुओं सिखों, बुद्ध, ईसाईयों के साथ पक्षपात किया गया। उन्होंने कहा कि यह आरोप गलत है कि इस बिल से मुस्लिम के अधिकार ले ले जाएंगे।
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि धार्मिक आधार पर प्रताड़ित लोगों को नागरिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के संविधान को भी देखना होगा। उन्होंने कहा कि 1971 में बांग्लादेशियों को नागरिकता दी गई थी।