हैदराबाद:पशुचिकित्सा की जिसमें पुलिस, न्यायपालिका और राजनीति तीनों की हिस्सेदारी है.
- 151051011 - ROHIT MISHRA
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अब 6 दिसंबर को हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर से रेप-हत्या के आरोपियों ने भी घटना के रिक्रिएशन के दौरान वैसी ही घटना को अंजाम देने की कोशिश की लेकिन सज्जनार के तेज-तर्रार पुलिसकर्मियों ने उनको मार गिराया, जिसकी पूरे देश में तारीफ हो रही है. खुशियां मनाई जा रही हैं. आम इनसान और महिलाओं से लेकर सांसद और दिग्गज नेता तक पुलिस की प्रशंसा कर रहे हैं. ये तारीफ अच्छी है लेकिन इस तारीफ में एक निंदा छिपी है न्यायिक सिस्टम की जिसमें पुलिस, न्यायपालिका और राजनीति तीनों की हिस्सेदारी है. हमारा तंत्र फेल चुका है इसलिए इस तरह दुर्दांत अपराधियों के एनकाउंटर में लोग खुशी मनाते हैं.
न ये एनकाउंटर नए हैं और न ही ये खुशियां नई हैं. अंग्रेजों के जमाने की पुलिस भी अपराधियों के खिलाफ ऐसे अभियान चलाती थी. आजादी के बाद खासतौर पर सक्रिय हुए चंबल के डाकुओं का एनकाउंटर भी तब लोगों को राहत दिलाता था. ये अलग बात है कि तब डाकुओं को वहां के राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त होता था. ये सब बातें फिल्मों में भी दिखाई जा चुकी हैं.
दरअसल, लोकतंत्र में सबकी आवाज सुनने का प्रावधान है और इसका फायदा भी बहुत सारे लोग उठा ले जाते हैं. हमारे देश में भी ऐसे नेताओं-अफसरों यानी ताकतवर लोगों की कमी नहीं है जो खुद को कानून से बचाने के लिए व्यवस्था की खामियों का फायदा उठाते हैं.धन्यवाद