रानीगंज :19वर्षीय इकलौते बेटे की मृत्यु के बाद, मां- बाप ने कर दिया अंग दान ।
- 151017631 - RAMSURAT RAJBHAR
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पश्चिम बंगाल/रानीगंज : दुख की घडी़ में साहस व समाजहित के कार्यों में योगदान देने वाले ऐसे मा-बाप पर रानीगंज ही नहीं पुरे शहर को गर्व है । जो ग़म भुलाकर भी समाज के बारे मे सोचे वही असली इंसान होता है. रानीगंज के बल्लभपुर इलाके में रहने वाले सोमनाथ घोष और उनकी पत्नी चंदना घोष ने ऐसी ही मिसाल पेश की. इन दोनों का एकमात्र बेटा 19 वर्षीय सौरनील घोष तमिलनाडु के भेल्लोर इनस्टिचुट आफ टैकनोलजी मे दुसरे वर्ष की पढ़ाई कर रहा था. 3अगस्त को एक भयानक सड़क दुर्घटना में वह घायल हो गया. उसे भेल्लोर क्रीस्टन मेडिकल अस्पताल में दाखिल कराया गया जहां उसे बुधवार को डाक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इस व्यक्तिगत शोक की घड़ी में भी घोष परिवार ने साहस का परिचय देते हुए अपने बेटे के दिल लीवर कार्निया सहित सभी अंग दान करने का फैसला लिया. सिर्फ इतना ही नही अपने दिवंगत बेटे के सहपाठीयों के जज़बातों की कदर करते हुए सौरनील का अंतिम संस्कार भी घोष परिवार के पुस्तैनी गांव में ना करके कालेज के नीकट एक शमशान घाट में संपन्न काया. अपने एकलौते बेटे को खोकर शोकाकुल मां चंदना घोष ने बताया कि चुंकि वह और उनके पति दोनों सरकारी कर्मचारि हैं वह कभी अपने बेटे को पुरा वक्त नही दे पाये. सौरनील बचपन से ही मेधावी था. ज्वायेंट पास कर उसे भेल्लोर के इस कालेज में दाखिला मिलने पर वह भी निश्चिंत थे क्योंकि बचपन से ही सौरनील बहुत संवेदनशील था और इस कालेज मे रैगिंग का डर नही था. मगर किस्मत को कुछ और ही मंजुर था. चंदना की सिर्फ़ एक गुजारीश है. उन्होने चिकित्सकों से उन्हें उन लोगों का परिचय बताने की अपील की है जिनके शरीर में सौरनील के अंग लगाये गये हैं ताकि जब भी उन्हें अपने बेटे की याद आये वह उनसे बात कर अपना दर्द कम कर सकें ।