फ़ास्ट न्यूज़ इण्डिया क्षेत्रीय संवाददाता झालरापाटन जयन्त पोरवाल की रिपोर्ट 151127425
राजस्थान के जिला झालावाड़ थाना झालरापाटन अंतर्गत पोरवाल समाज महिला मंडल के तत्वाधान में शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। वैसे तो हिंदू धर्म में हर पूर्णिमा तिथि का महत्व होता है, लेकिन सभी पूर्णिमा तिथि में शरद पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की तिथि को शरद पूर्णिमा कहते हैं. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होती हैं. कहा जाता है कि रात में चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्ष होती है।
पंचांग भेद के कारण साल 2021 की शरद पूर्णिमा के व्रत को लेकर लोगो में असमंजस की स्थिति बनी रही। कुछ लोगो ने 19 अक्टूबर तो कुछ लोगो ने 20 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा व्रत रखा वहीं शरद पूर्णिमा के अवसर पर झालरापाटन पोरवाल समाज द्वारा रणछोड़ मंदिर प्रांगण मे शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। झालरापाटन पोरवाल महिला मंडल के तत्वावधान उत्सव मे महिला मंडल की सदस्यों और बालिकाओं द्वारा लोकगीतों की धुन पर गरबा और नृत्य प्रस्तुति दी गयी। साथ ही पोरवाल समाज के नवयुवक मंडल द्वारा भी गरबा प्रस्तुति दी गयी। महिला मंडल की सदस्य सविता गुप्ता ने बताया की महिला मंडल इस दिन प्रस्तुति के लिए कई दिनों से तैयारी मे जुटी थी। विभिन्न गीतों पर प्रस्तुतियों के बाद भगवान रणछोड़ नाथ के आशीर्वाद स्वरुप खीर प्रसादी का वितरण किया गया।